मिर्जापुर: विंध्याधाम का श्री राम कनेक्शन, रामनवमी पर यहां लग जाती है मुस्लिमों की भीड़
मुस्लिमों का कहना है की श्रीराम भले ही हिन्दूओं के भगवान हैं लेकिन वो इमामे हिन्द भी हैं। श्री राम आस्था और समुदाय के पार हैं। हजारों की संख्या में मुस्लिम आस्थावान इस श्रीराम नामी बैंक से जुड़े हैं।
मिर्जापुर। मिर्जापुर हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब की धरती रही है। यहां कहीं न कहीं ऐसी मिसाल मिल जाती है जो कौमी एकता और भाईचारे का एहसास दिलाती है। आस्था का केंद्र विंध्य क्षेत्र में एक ओर जहां सिद्धपीठ मां विंध्यवासिनी का दरबार है तो दूसरी तरफ कंतित शरीफ का मजार भी है। जो कि जिले के कौमी एकता का सबसे बड़ा उदाहरण है। वहां लोग मां के धाम में शीश नवाने के साथ ही मजार पर सजदा करना नहीं भूलते। लेकिन ये सिर्फ इकलौती मिशाल नहीं है, विंध्याचल स्थित श्री राम नामी बैंक कौमी एकता की दूसरी बड़ी मिसाल है। यहां रुपए का लेन-देन नहीं होता, लोग इसे आस्था का बैंक कहते हैं।
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इस बैंक के खाता धारक श्रीराम नाम खिलकर बैंक में जमा करते है। ऐसा सिर्फ हिन्दू समाज के लोग ही नहीं बल्कि आस-पास क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय के लोग भी पुस्तक पर श्री राम नाम लिखकर बैंक में जमा करते हैं। मुस्लिमों का कहना है की श्रीराम भले ही हिन्दूओं के भगवान हैं लेकिन वो इमामे हिन्द भी हैं। श्री राम आस्था और समुदाय के पार हैं। हजारों की संख्या में आस्थावान इस श्रीराम नामी बैंक से जुड़े हैं।
कहां और कैसे चलता है ये बैंक?
विंध्याचल के कंतित क्षेत्र में प्रभु श्रीराम सेवा समिति की ओर से श्रीराम नाम का बैंक खोला गया है। बैंक के संस्थापक महेंद्र पांडेय के मुताबिक वर्ष 2013 में रामनवमी के अवसर पर बैंक की स्थापना की गई। चार साल से संचालित इस बैंक से हजारों आस्थावान जुड़े हैं। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी शामिल हैं। यहां एक पुस्तक में ग्यारह हजार राम नाम लिखा जाता है। राम नाम लिखने के इच्छुक व्यक्ति निशुल्क पुस्तक प्राप्त कर राम नाम लिखने के बाद बैंक में जमा कर देते हैं। बैंक के सदस्यों की संख्या मौजूदा समय में 6 हजार के पार है। समिति के सदस्यों ने बताया की राम नाम लिखने से आत्मसंतुष्टि मिलती है।
बनारस में उर्दू में लिखते हैं राम
विंध्याचल में स्थित श्रीराम नाम बैंक की तर्ज पर ही बनारस में भी शिया मुसलमानों ने राम नाम का एक बैंक बनवाया है। जहां वो पुस्तक पर उर्दू में राम नाम खिलकर जमा करते हैं। रामनवमी के मौके पर श्रीराम नाम बैंक इन पुस्तकों को निशुल्क बांटता भी है।