कौशांबी में दलित महिला अधिकारी को नहीं दिया बर्तन में पानी, बोले-अशुद्ध हो जाएगा
कौशांबी। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पैतृक शहर कौशांबी में एक महिला अधिकारी से छुआछूत का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां गांव में विकास कार्यों की समीक्षा करने गई महिला अधिकारी प्यास से परेशान रही, लेकिन कोई उन्हें बर्तन में पानी देने वाला नहीं था। पानी मांगने पर एक बीडीसी सदस्य ने तो सीधे यह तक कह दिया कि बर्तन में उन्हें पानी देने पर बर्तन अशुद्ध हो जाएगा। मामले में महिला अधिकारी ने डीएम से लेकर विधायक तक अपनी शिकायत की है। फिलहाल मामला मीडिया में आने के बाद अब सुर्खियों में छाया हुआ है।
क्या
है
मामला
कौशांबी
के
मंझनपुर
मे
उप
मुख्य
पशु
चिकित्साधिकारी
के
पद
पर
डॉ.
सीमा
की
तैनाती
है।
डॉ.
सीमा
को
डीपीआरओ
कमल
किशोर
ने
सदर
ब्लॉक
के
अंबावां
पूरब
गांव
में
विकास
कार्यों
की
समीक्षा
करने
की
ड्यूटी
लगाई
थी।
रिपोर्ट
तैयार
करने
के
लिये
के
लिये
वह
मंगलवार
को
गांव
पहुंची।
डॉ.
सीमा
के
अनुसार
दोपहर
बाद
जब
उन्हे
जब
प्यास
लगी
तो
उन्होंने
ग्राम
विकास
अधिकारी
और
प्रधान
से
पानी
मांगा।
इस
पर
दोनों
ने
पहले
तो
बात
काट
कर
दूसरे
काम
में
उलझा
दिया
और
जब
प्यास
से
तबीयत
बिगड़ने
लगी
तो
उन्होंने
फिर
से
पानी
मांगा।
तब
ग्राम
विकास
अधिकारी
और
प्रधान
ने
यह
कहकर
पानी
देने
से
इनकार
कर
दिया
कि
वह
दलित
हैं।
डीएम
से
शिकायत
डा.
सीमा
ने
आरोप
लगाया
कि
जब
उन्होंने
ग्रामीणों
से
पानी
मांगा
तो
प्रधान-सेक्रेटरी
ने
उन्हें
भी
इशारा
करके
पानी
देने
से
रोक
दिया
और
तभी
एक
क्षेत्र
पंचायत
सदस्य
ने
साफ
कह
दिया
कि
बर्तन
में
पानी
देने
से
बर्तन
अशुद्ध
हो
जाएगा।
इसलिये
हम
पानी
नहीं
दे
सकते।
मामले
में
डा.
सीमा
ने
मामले
की
शिकायत
जिलाधिकारी
व
क्षेत्रीय
विधायक
से
करते
हुये
कार्रवाई
की
मांग
की
है।
फोन
पर
हुई
बातचीत
के
दौरान
उन्होंने
बताया
कि
उन्होंने
घटना
की
जानकारी
अधिकारियों
को
दे
दी
है।
क्या
बोले
डीएम
इस
मामले
में
डीएम
कौशांबी
मनीष
कुमार
वर्मा
ने
बताया
कि
वह
अभी
दफ्तर
की
अर्जी
व
डाक
नहीं
देख
सके
हैं।
अगर
ऐसा
कुछ
हुआ
है
तो
यह
गंभीर
मामला
है।
फिलहाल
उन्हे
अभी
कोई
लिखित
शिकायत
नहीं
मिली
है।
अगर
ऐसी
कोई
शिकायत
मिलती
है
तो
जांच
कराकर
कार्रवाई
की
जाएगी।
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