कानपुर के वैज्ञानिक अब खत्म कर देंगे पेट्रोल की समस्या, काई से बनेगा फ्यूल
कानपुर। देश में बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दामों से अब आम जनता को राहत मिलने की संभावना जाग उठी है। यूपी के कानपुर एचबीटीयू के प्रोफेसरों ने तालाबों से निकलने वाली काई पर शोध करके बायो फ्यूल ईंधन का ईजाद किया है। बायो फ्यूल पर शोध करने वाले प्रोफेसर 22 तारीख को बनारस में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इस प्रोजेक्ट को प्रस्तुत किया जायेगा।
काई से तेल निकालने की ये तकनीक एचबीटीयू के आयल टेक्नोलॉजी विभाग की लैबोरेट्री में विकसित की गयी है। एचबीटीयू के आइल विभाग के एचओडी प्रोफेसर आर के त्रिवेदी अब इस प्रोजेक्ट को बनारस में आयल सीड की महत्वता पर होने वाले इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री के सामने रखेंगे ताकि इसका प्रयोग कर किसानों को काई की खेती के लिए प्रेरित किया जाए।
प्रोफेसर आरके त्रिवेदी ने बताया कि काई में औसतन 40 फीसदी लिपिड होता है इस लिपिड में मोनो ग्लिसराइड,डाई ग्लिसराइड फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल आदि होते है। डाई ग्लिसराइड मोनो ग्लिसराइड की अधिकता वाली काई को ईंधन में प्रयोग किया जाता है। प्रोफेसर का कहना है की तालाबों झीलों और जलभराव में मिलने वाली काई आने वाले भविष्य में इससे बायो फ्यूल के अलावा खाने का तेल निकाला जा सकेगा।
प्रयोगशाला में प्रोफेसर ने प्रयोग करके दिखाया कि किस तरह काई से बायो फ्यूल निकाला जा सकता है। प्रोफेसर का कहना है कि ट्राई ग्लिसराइड में फैटी एसिड के असर को कम करने के लिए एलकली डाली जाती है इससे तेल की गुडवत्ता बढ़ जाती है।
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