यूपी: नामी कंपनी में पुलिस के सामने हो रही थी सरकारी अनाज की हेराफेरी, पुलिस दे रही थी साथ
कानपुर। यूपी के कानपुर देहात में कुशल फूड्स कंपनी में हजारों बोरी सरकारी अनाज हुआ बरामद। कंपनी के रसूख के आगे सभी पुलिस वाले बौने साबित हुए। किसी भी अधिकारी को हजारों बोरी सरकारी अनाज नहीं दिखा और बगैर जांच के कुशल फूड्स कंपनी को क्लीन चिट दे दिया गया। जाहिर है कुशल फूड्स बड़ा ब्रांड है लिहाजा उस पर कार्रवाई कैसे हो सकती है। कोई आम आदमी के यहां अगर सरकारी अनाज की चंद बोरिया ही निकल आती तो शायद वो जेल जा चुका होता। प्रशासन की इस प्रकार की नीति तथा कार्यशैली अब सवालों के घेरे में घिर चुकी है।
ये वो अनाज है जो मुफलिस और असहाय गरीब लोगों की थाली में होना चाहिए था। लेकिन सरकारी अनाज की कालाबाजारी के चलते ये हजारों बोरी सरकारी अनाज कुशल फूड्स प्रा0 लि0 फैक्ट्री के अंदर रखा मिला। दरअसल सरकारी अनाज की बोरियों से अनाज निकाल कर गोकुल नाम की बोरियों में भर कर सरकारी अनाज को बाजार में बिकने वाला अनाज बना दिया जाता था। साथ ही फैक्ट्री में गरीबों को मिलने वाले इस सरकारी अनाज से बिस्किट, मैदा और चोकर बनाया जा रहा था। जिसकी सूचना पर आलाधिकारियों के निर्देश पर पहुंचे अधिकारियों ने जांच करने के बजाए फैक्ट्री के पैरोकार बनकर स्वयं ही सफाई देने लगे और सरकारी बोरियों ही हजारों की संख्या में मौजूदगी को नजरअंदाज करते हुए अनाज को सरकारी की जगह प्राइवेट बताने लगे। यही नहीं अधिकारी फैक्ट्री की पैरोकारी में इस तरह लग गए कि आनन-फानन में अलग-अलग बयानबाजी शुरू कर दी।
वहीं जब इस मामले में फैक्ट्री के डारेक्टर से बात की गई तो डारेक्टर ने ये अनाज किसानों से सही तरीके से खरीदा बताकर सफाई देने लगे। फैक्ट्री के डारेक्टर की माने तो ये अनाज किसान से खरीदा गया हैं। किसान जिस बोरी में माल भरकर उन्हे उपलब्ध कराता हैं। उसे खरीद लिया जाता हैं। साथ ही उन्होने सारे कागजात पूरे होने के साथ-साथ सिस्टम भी पूरा होने की बता कहते हुए अनाज के विषय में किसान से जानकारी करने की बात कही।
इस मामले में जांच टीम के साथ आए अकबरपुर के पूर्ति निरीक्षक ने पहले तो मामले की जानकारी न होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया। लेकिन बाद में उन्होंने एसडीएम के आदेश पर कुशल फूड्स फैक्ट्री में सरकारी अनाज और सरकारी बोरियों की जांच की बात कही। साथ ही बिना जांच किए अनाज को किसानों से खरीदा हुआ बता डाला।
एसडीएम ने अपनी बातचीत में कहा कि अफसरशाही ने साबित कर दिया कि सारे नियम सारे कायदे कानून गरीब आदमी के लिए हैं। कुशल फूड्स जैसे बड़े ब्रांड गरीबों का निवाला ऐसे ही छीनते रहेंगे और अफसर तमाशाबीन बन कर खड़े रहेंगे। अगर किसी आम आदमी के घर से भी सरकारी अनाज की महज चंद बोरिया निकल आती तो यकीनन अब तक उस पर पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के अधिकारी कहर बन कर टूट चुके होते। यही वजह है कि आम आदमी का भरोसा अधिकारियों से उठता जा रहा है।