देखिए आज किस हालत में है डीएवी छात्रावास का कमरा नंबर 104, जहां 2 साल रहे थे अटल जी
कानपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़े जिन चार स्थलों पर स्मारक बनाकर रखने की घोषणा की है, उनमें से एक कानपुर का दयानन्द एंगलो वैदिक कालेज भी है। यहां युवा अटल ने सन 1946 में राजनीति विज्ञान की मास्टर डिग्री ली थी तो कानून की पढ़ाई में उनके पिता श्री कृष्ण बिहारी वाजपेयी उनके सहपाठी बने थे। आज इसी डीएवी कालेज ने अपने पूर्व छात्र को याद किया और उस छात्रावास का नामकरण अटल जी के नाम पर करने का निर्णय लिया जहां के कमरा नम्बर 104 में वे छात्र के रूप में रहते थे। इस कालेज से जुड़ी अटल जी की संस्मृतियों सहेज कर रखने का ऐलान कॉलेज प्रबन्धन ने भी किया है।
कानपुर का दयानन्द एंगलो वैदिक कॉलेज आज अपने पूर्व छात्र स्व0 अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर रहा है। अटल जी ने यहां राजनीति शास्त्र और कानून की पढ़ाई की थी। राष्ट्रीय शोक दिवस के कारण कल की बन्दी के बाद आज जब डीएवी कालेज खुला तो यहां सबसे पहले श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया। सबने ऐसा महसूस किया कि अटल जी कहीं दूर नहीं गये। अभी किसी क्लास से बाहर निकलेंगे और हंसी ठठ्ठा के बीच गम्भीर राजनैतिक चिन्तन भी शुरू हो जाएंगे। अटल जी के विशाल चित्र को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ उनके संस्मरण साझा करने का लम्बा दौर चला। आज भी यहां के दीवारों पर अटल जी की यादें ताजा हैं। इन्हें साझा करते हुए कॉलेज के प्रचार्य डा0 अमित श्रीवास्तव ने जी मीडिया को बताया कि कल ही कालेज प्रबन्धन ने उस छात्रावास का नाम अटल जी के नाम पर करने का निर्णय लिया है जहां वे अपने सहपाठी पिता के साथ रहते थे। इसके अलावा कॉलेज के पुस्तकालय में अटल वीथिका बनाने का फैसला भी हुआ है।
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