लेडी कॉन्स्टेबल के प्यार में दीवाने हुए दरोगा जी, पुलिसवालों ने थाने में कराई शादी
कानपुर। प्यार अंधा होता है, वो ना जात-पात देखता ना धर्म और ओहदा, वह बस हो जाता है। इस बात को चरितार्थ करता हुआ एक मामला कानपुर से सामने आया है। यहां एक ही थाने के पुलिस दरोगा और वहीं की लेडी कॉन्सटेबल का प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि वो दोनों जन्मों जन्म के लिए एक-दूसरे के हो गए। दरोगा जी ने कॉन्स्टेबल से अपने प्यार को दो साल छिपाने की कोशिश की लेकिन प्यार कहां छिपाए छिपता है। तो कुछ ऐसा हुआ कि मामला थाने में मौजूद सभी अधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस कर्मियों के सामने आया और सबने मिलकर दोनों की वरमाला की रस्म संपन्न कराई। थाने में हुई ये शादी इलाके में चर्चा का विषय बनी रही। इस सांकेतिक शादी में शरीक हुए सभी पुलिसकर्मियों ने उन्हें आशीर्वाद व बधाइयां दीं।
थाने में छाईं शादी की खुशियां
मामला कानपुर का रेलबाजार थाने का है जहां रोज एक से बढ़कर एक अपराधियों को पकड़कर लाया जाता है, बुधवार की दोपहर शादी की खुशियां छाई थीं। यहां पुलिसकर्मी बराती बने थे तो थाना शादी का मंडप। सभी झूम रहे थे, खुश होकर वर-वधू को बधाई दे रहे थे। मिठाई बांटकर सभी ने खुशी के इस पल को साझा किया। बाहर के भी कुछ लोग भी नवविवाहित दंपति को शुभकामनाएं व आशीर्वाद दिया।
रायबरेली का दरोगा, अलीगढ़ की कॉन्स्टेबल
कानपुर के रेलबाजार थाने में रायबरेली निवासी दारोगा हरीश यादव व अलीगढ़ के जवां थाना क्षेत्र स्थित गांव चाहूपुर निवासी महिला सिपाही भावना के बीच एक ही थाने में तैनाती के दौरान नजदीकियां बढ़ीं। एक साथ ड्यूटी के दौरान कब एक दूसरे को दिल बैठे, पता ही नहीं चला। बाद में दोनों ने एक-दूसरे का हमसफर बनने का निर्णय लिया। रेलबाजार थाने में ही ईश्वर को साक्षी मानकर एक दूसरे को वरमाला पहनाई।
थाने में स्थित मंदिर के सामने खाईं कभी ना अलग होने की कसमें
इस दौरान पुलिसकर्मी बराती के साथ ही अभिभावक की भूमिका में भी रहे। इसके बाद परिसर में बने मंदिर में दोनों ने शीश नवाया। इसके बाद पूजा की और प्रसाद वितरित किया। थाने में शादी देख आसपास के लोग भी जुट गए और नवदंपति को बधाई दी। इंस्पेक्टर मनोज रघुवंशी समेत अन्य पुलिसकर्मियों ने शादी के मौके पर मिठाई बांटी और जोड़े को खुशी -खुशी विदा किया। इस दौरान थाने का माहौल ही बदला नजर आया।
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