CBI ने की विक्रम कोठारी की पत्नी से पूछताछ, NCLT की मौजूदगी में भी नहीं हो सका कोई 'सेटेलमेंट'
कानपुर। बैंकों से हजारों करोड़ का लोन लेकर बैठे कानपुर के पेन व्यापारी विक्रम कोठारी से सीबीआई की पूछताछ जारी है। सीबीआई के साथ ही एनसीएलटी यानि नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल की टीम भी बैंक और कोठारी के बीच सेटेलमेंट कराने की जुगत में हैं। इसी क्रम में आज नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी अनिल गोयल की मौजूदगी में बैंक अधिकारियों और कोठारी के बीच सेटेलमेंट को लेकर चर्चा हुई लेकिन इस मीटिंग का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकल सका। आज सीबीआई ने भी विक्रम कोठारी की पत्नी को गुप्त स्थान में ले जाकर पूछताछ की और कुछ देर बाद उन्हें वापस उनके बंगले में छोड़ गई।
कानपुर के एक होटल में आज एनसीएलटी के अधिकारियों ने विक्रम कोठारी को हजारों करोड़ रूपये का कर्ज देने वाले बैंकों के अधिकारियों के बयान दर्ज किए। नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी के रूप में अनिल गोयल दिल्ली से कानपुर आए थे। उम्मीद की जा रही थी कि विक्रम कोठारी ट्रिब्यूनल के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष रखेंगे और कर्ज वापसी के लिए कोई सेटलमेंट हो सकता है। बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने पिछले शनिवार को मीडिया से एनसीएलटी के समक्ष होने वाली इस सुनवाई में सेटलमेंट की उम्मीद जताई थी लेकिन कोठारी की तरफ से कोई फार्मूला न दिए जाने से अब मामला अगली सुनवाई तक के लिए लटक गया है।
ट्रिब्यूनल के समक्ष बैंक ऑफ इण्डिया के जोनल मैनेजर मीनकेतन दास भी उपस्थित हुए लेकिन टिब्यूनल की टीम समेत बैंक अधिकारियों ने कार्रवाई को गोपनीय रखने के नियमों का हवाला दिया। हालांकि दो दिन पहले मीनकेतन दास ने उम्मीद जताई थी कि आज की सुनवाई में कोई फार्मूला निकल सकता है। यहां यह याद दिलाना भी जरूरी है कि सीबीआई ने दिल्ली में विक्रम कोठारी के खिलाफ जो आपराधिक मुकदमा दर्ज किया है उसमें बैंक ऑफ इंडिया के अज्ञात अफसरों को भी मुल्जिम बनाया है। इस बैंक ने कोठारी को सवाधिक 1395 करोड़ का लोन दिया हुआ है।
उधर सीबीआई ने विक्रम कोठारी की पत्नी साधना कोठारी से आज दूसरे दिन भी पूछताछ जारी रखी लेकिन आज उन्हें उनके आवास से किसी अज्ञात स्थान ले जाया गया और कुछ घंटे बाद वापस लाया गया। इस तरह विक्रम कोठारी और उनके परिवार पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है।
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