कानपुर से पकड़े गए आतंकी कमरुज्जमा ने ओसामा के साथ ज्वाइन किया था हिजबुल!
कानपुर। उत्तर प्रदेश एटीएस (एंटी टेररिजम स्क्वॉड) ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के एक संदिग्ध आतंकी कमरुज्जमा को कानपुर से गिरफ्तार किया है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि यह आतंकवादी गणेश चतुर्थी पर हमले को अंजाम देने वाला था इसके लिए उसने तैयारी भी कर ली थी। उसने कानपुर के कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर में कई बार रेकी भी की थी और मंदिर की पांच मिनट की वीडियो क्लिप भी बनाई थी। एटीएस की प्रारंभिक जांच में कमरुज्जमा ने स्वीकार किया है कि वह हिजबुल का आतंकी है, इसके साथ ही एटीएस ने इस आंतकी को लेकर ऐसे कई खुलासे किए हैं जो चौंकाने वाले हैं।
ओसामा बिन जावेद के साथ ज्वाइन किया था हिजबुल
आईजी एटीएस असीम अरुण के अनुसार आरोपित ने खुद को हिजबुल मुजाहिदीन का सदस्य होने की बात स्वीकार की है। उसके बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कमरुज्जमा बीए तृतीय वर्ष की परीक्षा में फेल हो गया था। उसने टाइपिंग व कंप्यूटर का डिप्लोमा कर रखा है। वह अच्छी अंग्रेजी बोलता है। इसके अवाला उन्होंने जो अहम जानकारी दी है उसके मुताबिक वह अप्रैल, 2017 में कश्मीर के किश्तवार निवासी ओसामा बिन जावेद के संपर्क में आया था, जिसके बाद दोनों ने एक साथ आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ज्वाइन किया था। करीब एक साल पहले दोनों कश्मीर से गायब हो गए थे। दोनों को कश्मीर में नौ माह की ट्रेनिंग भी दी गई थी। तभी से जम्मू-कश्मीर की खुफिया एजेंसियां दोनों की तलाश कर रही हैं।
कानपुर के चकेरी से हुई गिरफ्तारी
एटीएस ने संदिग्ध आतंकी करुज्जमा को कानपुर के चकेरी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। यहां वह उजियारी लाल यादव के घर में रह रहा था। जिस मकान में वह रह रहा था वहां उसके अलावा 9 अन्य किरायेदार भी रहते हैं। बता दें कि जिस जगह पर वह रह रहा था वहां से एक किलोमीटर की परिधि में अहिरवां हवाई अड्डा और एयर ट्रैफिक कंट्रोल का दफ्तर है। आसपास के इलाके में सेना और एयरफोर्स से जुड़े लोगों के घर हैं। पुलिस की प्रारंभिक जांच में उसके फोन में कानपुर के कलेक्टरगंज स्थित सिद्धि विनायक मंदिर की बुधवार को बनाई गई करीब साढ़े पांच मिनट की वीडियो क्लिप भी मिली है। जिससे आशंका जताई जा रही थी कि वह कोई गणेश चतुर्थी के मौके पर कोई बड़ा धमाका करने की फिराक में था।
क्या बताया मकान मालिक ने
मकान मालिक उजियारी लाल यादव ने बताया कि संदिग्ध ने तकरीबन दो महीने पहले कमरा किराये पर लिया था। किराये पर कमरा लेने के दौरान ही उसने कह दिया था कि वह कुछ महीनों में ही कमरा छोड़ देगा। उजियारी लाल ने बताया कि करीब दो महीने पहले कमर उल-जमां उनके पास आया था। उसने अपना नाम सही नहीं बताया था। खुद को एक निजी संचार कंपनी के टॉवर का मैकेनिक बताया था। आईडी (पहचान पत्र) मांगा था, लेकिन उसने नहीं दी और टालता रहा।
ये भी पढ़ें- कानपुर में पकड़े गए आतंकी का क्या था 'एयरफोर्स' कनेक्शन, मकान मालिक ने किया खुलासा