युवा ग्राम समिति का बड़ा फर्जीवाड़ा, 15 बालिकाओं के नाम पर ले रहे थे 238 का अनुदान
कानपुर। बिहार और उत्तर प्रदेश के देवरिया में संवासिनियों के गायब होने की घटनाओं से देशभर में हड़कंप मच गया। घटनाएं सामने आने के बाद यूपी सरकार ने सभी जिले के जिलाधिकारियों को शेल्टर होम के निरीक्षण करने के निर्देश दिए है। कानपुर में भी जिले प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त टीमें बनाकर आठ निजी संस्थानों पर छापेमारी की।
छापेमारी में खुलासा हुआ कि शेल्टर होम खोलकर निजी संस्थाएं सरकारी पैसा डकार रही हैं। जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त ने बताया कि कानपुर के श्यामनगर स्थित युवा ग्राम समिति में 15 बच्चे मिले, जबकि दस्तावेजों में 238 बच्चे पंजीकृत थे। इस बारे में जब संस्थान से जानकारी मांगी तो उनके पास कोई जवाब नहीं था।
प्रशासन की टीम ने रावतपुर स्थित प्रगति सेवा संस्थान द्वारा संचालित संवासिनि गृह केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान केंद्र पर 21 बालिकाओं को रखा गया था। निरीक्षण के समय केंद्र में बिजली नहीं थी तथा इन्वर्टर भी नहीं चल रहे थे। इस पर बच्चियों से पूछा तो उन्होंने बताया कि कई दिनों से खराब है, इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। केंद्र में कागजों का रखखाव सही नहीं पाया गया।
जिलाधिकारी विजय विश्वास पन्त ने बताया कि एसीएम, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और युवा कल्याण अधिकारी की संयुक्त टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई जा रही है।