गलती से दबा ट्रिगर और खून से लथपथ था बगल में लेटा जवान, मौत के बाद मचा कोहराम
कन्नौज। आगरा में तैनात एक साथी की कार्बाइन से एकाएक गोली चलने से दो दिन पहले पीएसी जवान की मौत हो गई थी। जैसे ही जवान का शव गांव पहुंचा, वहां कोहराम मच गया। दोपहर बाद गमगीन माहौल में जवान का अंतिम संस्कार किया गया। कन्नौज के सौरिख थानाक्षेत्र के ग्राम रिहारी निवासी रामकिशोर तिवारी पुत्र जमुना प्रसाद तिवारी 15 बटालियन पीएसी आगरा में तैनात थे। वर्तमान में पुरादिल नगर स्थित मुरली मनोहर मंदिर परिसर में कैंप कर रही टीम में वह भी शामिल थे। सोमवार की शाम वह मंदिर परिसर में लगे कैंप में पलंग पर लेटे थे। साथी जवान जनपद कानपुर देहात के थाना मंगलपुर अंतर्गत ग्राम बिद्दाकापुर्वा निवासी केवल सिंह पुत्र सिपाही लाल ड्यूटी के लिए तैयार हो रहा था। उसकी कार्बाइन का सेफ्टी लॉक खुला था और कार्बाइन आटो मोड़ पर थी। केवल का हाथ जैसे ही ट्रिगर पर लगा, चार गोलियां चल गईं। गोलियां पास में लेटे रामकिशोर के कमर व सीने में जा धसीं। इससे कैंप में भगदड़ मच गई।
शव
गांव
पहुंचा
तो
मचा
कोहराम
आनन-फानन
उसे
सामुदायिक
स्वास्थ्य
केंद्र
सिकंदराराऊ
में
भर्ती
कराया
गया।
वहां
उन्हें
मृत
घोषित
कर
दिया
गया।
पोस्टमॉर्टम
के
बाद
उसका
शव
पीएसी
वाहन
से
जैसे
ही
गांव
पहुंचा,
कोहराम
मच
गया।
हालांकि
हादसे
की
जानकारी
होने
के
बाद
से
आस-पड़ोस
गांव
तक
के
लोग
रिहारी
पहुंच
चुके
थे।
दोपहर
बाद
उनके
बड़े
पुत्र
पंकज
ने
मुखाग्नि
दी।
पति
की
मौत
के
बाद
से
प्रभा
देवी
और
बच्चों
का
रो-रोकर
बुरा
हाल
था।
मृतक
पीएसी
जवान
को
पुलिस
लाइन
में
ही
गार्ड
ऑफ
ऑनर
देकर
अंतिम
विदाई
दी
गई।
उनका
शव
लेकर
पीएसी
के
हेड
कांस्टेबल
जयवीर
सिंह,
कांस्टेबल
सतीश
कुमार,
विनोद
कुमार,
शब्बीर
अहमद
व
महेंद्र
सिंह
लेकर
आए
थे।
साथी
जवान
पर
लगाया
हत्या
का
आरोप
पीएसी
जवान
रामकिशोर
के
चार
लड़के
व
दो
लड़कियां
हैं।
इनमें
सबसे
बड़ा
पुत्र
पंकज
व
पुत्री
रानी
की
शादी
हो
चुकी
है।
इसके
अलावा
मोहित,
सोहित,
रागिनी
और
अभिषेक
हैं।
रामकिशोर
वर्ष
1984
में
43
बटालियन
एटा
से
भर्ती
हुए
थे।
वर्तमान
में
वह
15
बटालियन
पीएसी
आगरा
में
तैनात
थे।
वह
10
जून
को
पांच
दिन
की
छु्ट्टी
पर
गांव
आए
थे।
15
जून
को
वापस
ड्यूटी
पर
चले
गए
थे।
सोमवार
को
गोली
लगने
से
उनकी
मौत
हो
गई।
इस
मामले
में
जवान
के
पुत्र
पंकज
तिवारी
ने
जनपद
हाथरस
के
पुलिस
अधीक्षक
को
सौंपे
प्रार्थनापत्र
में
कहा
है
कि
25
जून
की
शाम
करीब
पांच
बजे
उनके
फूफा
गिरीश
चंद्र
पांडेय
के
मोबाइल
पर
उसके
पिता
ने
अपने
साथी
जवान
केवल
सिंह
से
झगड़ा
होने
की
बात
बताई
थी।
उसके
करीब
डेढ़
घंटे
बाद
शाम
करीब
साढ़े
छह
बजे
बटालियन
द्वारा
उसे
फोन
पर
सूचना
दी
गई
कि
उसके
पिता
को
गोली
लग
गई
है।
इस
सूचना
पर
वह
सभी
परिवार
के
लोग
हाथरस
अस्पताल
आए
तो
देखा
उसके
पिता
के
शरीर
पर
गोलियों
के
तीन
घाव
थे।
उसने
आशंका
जताई
कि
केवल
सिंह
ने
उसके
पिता
की
हत्या
कर
दी
है।
मृतक
के
पुत्र
मोहित
ने
आरोपी
केवल
सिंह
को
सजा
दिलाने
और
दोनों
भाइयों
को
सरकारी
नौकरी
देने
की
मांग
की
है।
नौकरी
का
दिया
आश्वासन
गांव
रिहारी
पहुंचीं
पीएसी
कमांडेंट
दीपिका
तिवारी
ने
मृतक
पीएसी
जवान
रामकिशोर
के
पुत्र
को
दाह
संस्कार
के
लिए
एक
लिफाफा
सौंपा।
इसमें
चार
हजार
रुपये
था।
मृतक
जवान
के
पुत्र
पंकज
ने
उनसे
नौकरी
दिलाने
की
मांग
की।
इस
पर
उन्होंने
उसे
नौकरी
दिलाने
का
आश्वासन
दिया।
जनप्रतिनिधियों
व
अफसरों
ने
दी
श्रद्धांजलि
पीएसी
जवान
रामकिशोर
को
श्रद्धांजलि
देने
वालों
का
तांता
लग
गया।
गांव
ही
नहीं
आस-पड़ोस
क्षेत्र
के
ग्राम
मोहद्दीनगर,
सकरावा,
बझेड़ी,
शरीफपुर,
नगरिया,
कोरियान
व
सिकंदरपुर
समेत
आस-पड़ोस
गांव
के
काफी
लोग
सुबह
से
ही
रिहारी
गांव
पहुंच
गए
थे।
जैसे
ही
जवान
का
शव
गांव
पहुंचा,
लोगों
ने
उन्हें
भावभीनी
श्रद्धांजलि
दी।
इस
दौरान
तिर्वा
के
भाजपा
विधायक
कैलाश
राजपूत
के
अलावा
कई
अन्य
नेता
तथा
क्षेत्राधिकारी
लक्ष्मीकांत
गौतम,
सौरिख
थानाध्यक्ष
राजकुमार
समेत
अन्य
अफसरों
ने
पुष्प
अर्पित
कर
भावभीनी
श्रद्धांजलि
दी।
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