यूपी में अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी JDU,जानिए बीजेपी के सामने कितनी सीटों का कर रही थी दावा
लखनऊ, 19 जनवरी: उत्तर प्रदेश में बीजेपी एक तरफ जहां निषाद पार्टी और अपना दल से गठबंधन कर चुनाव लड़ने जा रही है वहीं बिहार की सहयोगी पार्टी जद यू से किनारा कर लिया है। अब यह तय हो गया है कि जद यू अकेले अपने दम पर यूपी में चुनाव लड़ेगी। जद (यू) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी, क्योंकि बिहार में उसकी सहयोगी भाजपा ने गठबंधन के अपने प्रस्ताव का जवाब नहीं दिया। पार्टी प्रवक्ता केसी त्यागी ने रविवार को कहा कि वह चुनाव लड़ेगी। समाज के वंचित वर्गों के सशक्तिकरण के "बिहार मॉडल" पर चुनाव लड़ा जाएगा।
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में देरी ने जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) को इस हद तक नाराज कर दिया है कि पार्टी आगामी चुनावों में अकेले जाने पर विचार कर रही है। सूत्रों ने कहा कि जदयू उत्तर प्रदेश में लगभग 50 सीटों की मांग कर रही है और इसके लिए भाजपा पर दबाव बना रही है। जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए गठबंधन को अंतिम रूप देने में देरी पर नाराजगी जताई थी। बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा और जदयू गठबंधन सहयोगी हैं।
हालांकि रविवार को लखनऊ में त्यागी ने कहा कि जद (यू) नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, जिन्हें पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन की बातचीत के लिए नियुक्त किया था, ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के अलावा इसके अध्यक्ष जेपी नड्डा से संपर्क किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। त्यागी ने कहा कि जद (यू) 18 जनवरी को लखनऊ में बैठक कर फैसला करेगी कि वह कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
पार्टी अपने बिहार मॉडल के इर्द-गिर्द राज्य में अपना अभियान चलाएगी, उन्होंने दावा किया कि किसी भी सरकार ने महिलाओं और समाज के गरीब और पिछड़े वर्गों के लिए उतना काम नहीं किया जितना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने किया। त्यागी ने कहा कि जद (यू) नेता कुमार खुद पिछड़ी जाति से आते हैं, जबकि बिहार में दो उपमुख्यमंत्री भी पिछड़े समुदायों से हैं, जिनमें से एक महिला भी है। राज्य में दोनों उपमुख्यमंत्री भाजपा के हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, 'हमारी पार्टी के नेता आरसीपी सिंह लगातार बीजेपी से गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। अब उत्तर प्रदेश में भी चुनाव का ऐलान हो गया है। सवाल तो उठना लाजमी है कि दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन पर फैसला कब तक होगा? पार्टी के वरिष्ठ नेता और जदयू के उत्तर प्रदेश प्रभारी केसी त्यागी द्वारा अकेले यूपी चुनाव लड़ने के संकेत के बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन की संभावना नहीं के बराबर हो गई है।
वरिष्ठ मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा देने और कुछ अन्य भाजपा विधायकों के पार्टी छोड़ने के बाद उत्तर प्रदेश इकाई में विद्रोह का सामना कर रही भाजपा ने अभी तक नीतीश कुमार की पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में निर्णय नहीं लिया है।