निषाद पार्टी के बाद अब JDU ने BJP पर बढ़ाया गठबंधन को लेकर दबाव, दिल्ली में हुई अहम बैठक
लखनऊ, 28 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने अपनी तैयारियों को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि निषाद पार्टी के साथ सीटों के तालमेल होने और उसके ऐलान के बाद अब जेडीयू ने भी बीजेपी पर दबाव बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी है। इसी के तहत जेडीयू की यूपी चुनाव को लेकर दिल्ली में मंगलवार को एक अहम बैठक सम्पन्न हुई जिसमें जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह को बीजेपी के साथ गठबंधन को लेकर बातचीत के करने के लिए नामित किया गया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ललन सिंह और राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान की बैठक दिल्ली में हुई। इसमें निर्णय हुआ कि पूर्व जेडीयू अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से बातचीत के लिए प्रभारी नियुक्त किया गया है। आने वाले दिनों में बीजेपी और जेडीयू के बीच सीटों को लेकर जल्द बैठक हो सकती है। जेडीयू के सूत्रों की माने तो यदि जल्द सीटों को लेकर कुछ तय नहीं हुआ तो वह अपने बूते चुनाव लड़ने का ऐलान करेगी।
अक्टूबर
या
नवंबर
में
लखनऊ
आएंगे
नीतीश
प्रदेश
की
कार्यकारिणी
में
चुनाव
से
पहले
बूथों
को
भी
मजबूत
करने
पर
चर्चा
की
गई।
जेडीयू
के
सूत्रों
की
माने
तो
बीजेपी
के
साथ
यदि
सहमित
नहीं
बनी
तो
पार्टी
अकेले
अपने
ही
दम
पर
चुनाव
लड़ेगी।
जनता
दल
युनाइटेड
की
बैठक
में
सभी
जिलों
से
पदाधिकारी
पहुंचे
हुए
थे।
सभी
मंडलों
एवं
जिलों
के
पदाधिकारियों
ने
अपनी
रिपोर्ट
बैठक
में
रखी।
बैठक
को
संबोधित
करते
हुए
प्रदेश
अध्यक्ष
अनूप
कुमार
पटेल
ने
कहा
कि
की
राष्ट्रीय
कार्य
परिषद
की
बैठक
अक्टूबर
या
नवंबर
में
लखनऊ
में
आयोजित
की
जाएगी
जिसमें
बिहार
के
मुख्यमंत्री
और
जेडीयू
के
वरिष्ठ
नेता
नीतीश
कुमार
और
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
राजीव
रंजन
समेत
कई
वरिष्ठ
नेता
मौजूद
रहेंगे।
पूर्वांचल
और
मध्य
यूपी
की
25
सीटों
पर
जेडीयू
ने
ठोका
दावा
यूपी
में
कुर्मी
समुदाय
भी
लगभग
सात
फीसदी
हैं
और
बिहार
के
मुख्यमंत्री
नीतीश
कुमार
इसी
समाज
से
आते
हैं।
यूपी
में
कुर्मी
समुदाय
लगभग
50
सीटों
पर
अच्छी
भूमिका
निभाता
है।
इनको
लेकर
भी
राजनीतिक
दल
रणनीति
बनाने
में
जुटे
हुए
हैं।
बिहार
से
सटे
पूर्वांचल
के
दर्जनभर
जिलों
में
उनकी
अच्छी
फैन
फालोइंग
भी
है
जिसका
फायदा
उनकी
पार्टी
को
मिल
सकता
है।
संतकबीरनगर,
मिर्जापुर,
सोनभद्र,
गाजीपुर,
बलियां,
वाराणसी,
उन्नाव,
जालौन,
फतेहपुर
और
प्रतापगढ़
समेत
दो
दर्जन
जिले
ऐसे
हैं
जहां
यह
समुदाय
हर
सीट
पर
लगभग
15000
से
20000
तक
वोटर
हैं
जो
चुनाव
में
अहम
भूमिका
निभाते
हैं।
इसी
को
ध्यान
में
रखकर
जेडीयू
ने
25
सीटों
पर
अपनी
दावेदारी
पेश
की
है।
बीजेपी ने किया था निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का ऐलान
उत्तर प्रदेश के अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपनी चुनावी तैयारियों को तेज करते हुए यूपी मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने तीन दिनों तक सह प्रभारियों की बैठक लेने के बाद शुक्रवार को निषाद पार्टी के साथ गठबंधन का एलान किया था। दरअसल निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद लंबे समय से बीजेपी पर अपनी मांगे मनवाने का दबाव बना रहे थे। आखिरकार वो दबाव बनाने में कामयाब हुए और बीेजेपी ने उन्हें एमएलसी बनने का तोहफा भी दे दिया। हालांकि इस दौरान यूपी के मुख्य चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि संजय निषाद के साथ सीटों को लेकर बातचीत हो गई है। उन्हें सम्मानजनक सीटें दी जाएंगी।