जवाहर बाग कांड: चश्मदीद ने दिया नया मोड़, शहीद एसपी सिटी और एसओ को मारी गई गोली चलाई थी पुलिस ने!
एक प्रत्यक्षदर्शी ममता का दावा है कि 2 जून को पुलिस ने ही जवाहर बाग में आग लगाई थी। इससे पहले पुलिसकर्मी रामवृक्ष यादव को अपने साथ बोलेरो में ले गए थे। उन्हें पीछे की सीट पर बिठाया गया था।
मथुरा। जवाहर बाग कांड में आए दिन नए मोड़ आते हैं लेकिन पहली बार इस मामले में शहीद एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव की मौत पर बड़ा बयान सामने आया है। मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी की बात पर यकीन किया जाए तो इन शहीद पुलिस वालों पर गोली रामवृक्ष पक्ष ने नहीं बल्कि खुद पुलिस की तरफ से चलाई गई थी और तो और मामले ने अब रामवृक्ष की संदिग्ध मौत की गुत्थी को भी झूठा साबित करने के लिए नई मांग पेश कर दी है।
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रामवृक्ष यादव पक्ष के अधिवक्ता अब पुलिस पर कानूनी कार्रवाई कर रामवृक्ष यादव को खोजने की मांग करेंगे। रामवृक्ष यादव के पक्ष के अधिवक्ता का दावा है कि जिस हरनाथ की शिनाख्त पर पुलिस ने रामवृक्ष यादव की मौत की पुष्टि की थी, ये बयान उससे जबरन दर्ज कराया गया था। अगर ऐसा होता है तो इस मामले में पुलिस की मुश्किलें बढ़ना लाजमी है।
इस वजह से हुई थी घटना
जवाहर बाग कांड मामले में पुलिस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। रामवृक्ष यादव के दूसरे बेटे राज नारायण अब अपने पिता को ढूढ़ने के लिए कानून की मदद लेने का मन बना रहे हैं। जवाहर बाग के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव की मौत पर एक बार फिर सवाल खड़े होते नजर आ रहे हैं।
2 जून 2016 को जमीन कब्जाने के मामले में भड़की हिंसा के मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव कि मौत की बात भले ही पुलिस कहती रही हो लेकिन समय-समय पर रामवृक्ष यादव के समर्थक रामवृक्ष यादव को जिंदा बताते रहे हैं। उनका कहना है कि रामवृक्ष यादव के शव की शिनाख्त जेल में बंद उनके साथी हरनाथ ने की थी जिसके आधार पर रामवृक्ष यादव को मृत घोषित किया गया।
रामवृक्ष के दूसरे बेटे का डीएनए नहीं हुआ मैच
रामवृक्ष यादव के दूसरे बेटे राज नारायण का कहना है कि हमें डीएनए के लिए लाया गया था और हमारे बाल और ब्लड का सैंपल लिया गया। मैं भी यही चाहता था कि मेरे पिता हैं या नहीं। इसकी पुष्टि हो जाए लेकिन डीएनए मैच नहीं हुआ और उन्हें पुलिस पकड़कर ले गई। इसका मतलब यही है कि वो पुलिस की कस्टडी में आज भी हैं। उनको छुपाकर रखा गया है या अंदर ही अंदर मार दिया गया है, उसकी जांच होनी चाहिए इसकी मैं कानूनी कार्रवाई करुंगा मैं यही मांग करता हूं कि मेरे पिता को पुलिस ढूंढ कर दे। जैसे भी हो उन्हें ढूंढकर दे नहीं तो मैं कानूनी कार्रवाई करुंगा।
'एसपी
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एक प्रत्यक्षदर्शी ममता का दावा है कि 2 जून को पुलिस ने ही जवाहर बाग में आग लगाई थी। इससे पहले पुलिसकर्मी रामवृक्ष यादव को अपने साथ बोलेरो में ले गए थे। उन्हें पीछे की सीट पर बिठाया गया था, ममता का ये भी दावा है कि एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ संतोष यादव को जो गोली लगी थी वो भी पुलिस के द्वारा ही चलाई गई थी। हम लोगों के पास तो सिर्फ डंडा और झंडा था, ममता का दावा है कि रामवृक्ष यादव आज भी जिंदा हैं क्योंकि उन्हें जिंदा ही पकड़ा गया था और हम लोगों ने उन्हें जिंदा ही देखा था।
रामवृक्ष की मौत के सबूत नहीं दे पाई पुलिस
रामवृक्ष पक्ष के अधिवक्ता एलके गौतम का कहना है कि मुझे मेरे पक्षकारों ने रामवृक्ष यादव को जिंदा बताया है क्योंकि अब तक कोई भी एविडेंस उनके मरने के पक्ष में नहीं है और हरनाथ सिंह जिनके बारे में पुलिस कहती है कि उन्होंने घटना के बाद रामवृक्ष यादव के शव को देखकर पुष्टि की थी। उन्होंने मना कर दिया है कि ये जबरन लिखावाया गया था। मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया बस रामवृक्ष अभी जिंदा है और पुलिस की कस्टडी में है।
पुलिस पर कार्रवाई की मांग
एलके गौतम का कहना है कि रामवृक्ष यादव को सामने लाने के लिए कानूनी कार्रवाई करेंगे और उनके खिलाफ केस भी दर्ज कराएंगे। रामवृक्ष यादव पुलिस की कस्टडी में हैं, उन्हें किडनैप करके रखा गया है, हम पुलिस के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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