भारत बंद: मेरठ, गाजियाबाद और आगरा में स्कूल बंद, इंटरनेट सेवा पर लगी रोक
मेरठ। भारत बंद को लेकर हुए बवाल को देखते हुए यूपी के कई शहरों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। बंद का सबसे अधिक असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में देखने को मिला। हिंसा के हुए मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़ और मुजफ्फरनगर समेत कई शहरों में स्कूल बंद रखे गए हैं। साथ ही इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई हैं। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में सबसे ज्यादा बवाल हुआ। इसी बवाल को देखते हुए प्रशासन ने 12वीं तक के सभी स्कूल-कॉलेज आज बंद करने के निर्देश जारी किए हैं। अगर किसी जगह कोई परीक्षा है तो वह कराई जाएगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक गिरजेश चौधरी ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। वहीं चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों की मुख्य परीक्षाएं चलती रहेंगी। प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं भी आज दोपहर दो बजे तक बंद कर दी हैं।
मेरठ शहर में स्कूल कॉलेज बंद
मेरठ के डीएम अनिल ढींगरा ने शहर में स्कूल कॉलेजों को बंद रखने का निर्णय लिया। तीन अप्रैल को शहर के सभी स्कूल कालेज बंद रहेंगे, लेकिन बोर्ड परीक्षाएं व विवि की परीक्षाएं यथावत रहेंगी। डीएम ने कहा कि 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं अपने समय पर ही होंगी।जिले में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से संबद्ध कॉलेजों की मुख्य परीक्षाएं चलती रहेंगी। इसके अलावा आगरा में भी भारत बंद के दौरान उपजे बवाल को देखते हुए मंडल भर के कक्षा 12वीं तक के सभी बोर्ड के स्कूल बंद रहेंगे। प्रशासन के आदेश के मुताबिक वह विद्यालय ही खोले जाएं, जिनमें बोर्ड परीक्षाएं संचालित हो रही हैं।
गाजियाबाद में भी सभी स्कूल-कॉलेज बंद
उधर गाजियाबाद में भी फैली हिंसा के कारण मंगलवार को जनपद के सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। हालांकि बोर्ड परीक्षा के कार्यक्रम पर कोई फेरबदल नहीं किया गया है। ऐसे में जिन स्कूलों में बोर्ड परीक्षा का केंद्र है, वो खुलेंगे। कार्यवाहक जिलाधिकारी रमेश रंजन ने बताया कि मंगलवार को जिले के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा जाएगा। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग, माध्यमिक शिक्षा विभाग, सीबीएसई और आईसीएसई के सभी स्कूल शामिल हैं, साथ ही उच्च शिक्षण संस्थान भी बंद रहेंगे। उन्होंने बताया कि जनपद के हालात सामान्य हैं, लेकिन बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।
बंद को हलके में लेना पड़ा भारी, देखती रही पुलिस
भारत बंद के दौरान मुजफ्फर नगर को बचाने के लिए अपनी तैयारी छोड़कर पुलिस के अधिकारी आंदोलन में शामिल भीम आर्मी, जय सिंधु संघ, उद्मम सेना समेत सभी छह संगठनों के पदाधिकारियों से बात करके आंदोलन की धार को कम करने में जुट गए थे। पिछले तीन दिनों से पुलिस अधिकारियों की इन संगठनों के पदाधिकारियों से बात चल रही थी। रेल रोकने और हाईवे जाम करने पर सहमति बन गई थी। कितने समय ट्रेन रुकेगी और कब तक हाईवे जाम होगा, इस पर पुलिस को आश्वासन भी मिल गया था। इसके बाद पुलिस ने बंद को लेकर अपनी तैयारियों को ढीला कर दिया। जो शहर के लोगों और खुद पुलिस पर भी भारी पड़ गया। जमकर बवाल-हिंसा हुई और एक प्रदर्शनकारी की मौत भी हो गई।