जब लोग कर रहे थे 'प्रभु' का शुक्रिया, रेलवे ने रोक दी कृपा! तत्काल टिकट वापसी पर नो 'हाफ रिटर्न'
वाहवाही लूटने के चक्कर में रेलमंत्री द्वारा रीट्वीट करने से ये खबर सोशल मीडिया में सबसे बड़ी हिट बन गई और लोगों ने धड़ाधड़ कमेंट कर रेलमंत्री को ट्वीट के माध्यम से धन्यवाद देना शुरू कर दिया लेकिन...
इलाहाबाद। तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर आधा पैसा रेलवे से रिफंड होने की खबर ने खूब भूचाल मचाया हुआ है। इस योजना से वाहवाही के चक्कर में रेलमंत्री सुरेश प्रभु के ट्विटर एकाउंट से भी रीट्वीट हुआ। फिर क्या था पूरे सोशल मीडिया पर खबर वायरल हो गई। वाहवाही लूटने के चक्कर में रेलमंत्री द्वारा रीट्वीट करने से ये खबर सोशल मीडिया में सबसे बड़ी हिट बन गई और लोगों ने धड़ाधड़ कमेंट कर रेलमंत्री को ट्वीट के माध्यम से धन्यवाद देना शुरू कर दिया लेकिन रेलवे अफसरों को जब इसकी भनक लगी तो उनके भी हाथ-पांव फूलने लगे।
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क्योंकि बोर्ड स्तर तत्काल टिकट कैंसिल कराने पर आधा पैसा देने का कोई निर्णय ही नहीं हुआ है। गलती सामने आने पर रीट्वीट की गई खबर को रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट से तुरंत हटा लिया गया। लेकिन तब तक बड़ी संख्या में फॉलोअर्स का कमेंट जारी था। अचानक से प्रभू का रीट्वीट हटा तो लोगो ने प्रभू की किरकिरी भी शुरू कर दी।
नए नियम की आई थी खबर
दरअसल रविवार दोपहर तत्काल रिफंड से जुड़े नए नियम की खबर कुछ वेबसाइट पर आई तो खबर सुर्खियां बटोरने लगी। इसी बीच रेल मंत्री सुरेश प्रभु और रेल मंत्रालय को ट्वीट कर दिया गया। इसमें बताया गया की एक जुलाई 2017 से तत्काल टिकट रिफंड करने पर आधा पैसा वापस मिलेगा। इस खबर में एक जुलाई से लागू होने वाले कई अन्य नए नियमों के भी बारे में बताया गया। रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट पर जब ये खबर पहुंची तो उसे बिना किसी जांच पड़ताल के रीट्वीट कर दिया गया। रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट से खबर रीट्वीट होते ही सोशल मीडिया में छा गई।
लाखों लोगों तक पहुंचा संदेश
दरअसल रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट से लाखों की संख्या में फालोअर्स जुड़े हैं। रेलमंत्री सुरेश प्रभु और मिनिस्टरी ऑफ रेलवे के ट्विटर एकाउंट से जुड़े फालोअर्स की संख्या 51 लाख है। इसमें 26 लाख फालोअर्स सिर्फ रेलमंत्री सुरेश प्रभु के ही हैं जबकि मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे के ट्विटर एकाउंट से जुड़े फालोअर्स की संख्या 25 लाख है। रेलवे से जुड़ी सभी सकारात्मक गतिविधियां एवं सूचनाएं ट्विटर के माध्यम से ही साझा की जाती हैं। यात्री संबंधी तमाम समस्याओं का समाधान भी ट्विटर के माध्यम से रेलवे द्वारा लंबे समय से किया जा रहा है।
रविवार जब प्रभू के एकाउंट से रीट्वीट हुआ तो ये पुख्ता हो गया की खबर पक्की है। फालोअर्स प्रभू को बधाई देने लगे। क्योंकि ये बहुत बड़ी खबर और योजना थी। देखते ही देखते ट्वीटर से लेकर व्हॉटसप, फेसबुक पर भी खबर दौड़ने लगी और प्रभू की वाहवाही होने लगी। लेकिन विभाग की नजर पड़ी तो हड़कंप मच गया क्योंकि बोर्ड में ऐसे किसी निर्णय या योजना पर चर्चा ही नहीं हुई थी। फिर क्या था प्रभू के रिट्वीट को हटाया गया तो फॉलोअर्स ने प्रभू की फजीहत भी शुरू कर दी।
रेलवे बोर्ड के एडीजी पीआर ने किया इनकार
मामले में रेलवे बोर्ड के एडीजी पीआर अनिल सक्सेना ने बताया की रेलवे बोर्ड द्वारा इस तरह का कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है। फिलहाल 'भूलवश ये खबर रेलमंत्री के ट्विटर एकाउंट से रीट्वीट हुई है। बिना जांच पड़ताल के खबर कैसे रीट्वीट हुई ये जांच का विषय है। ये खबर उनके ट्विटर एकाउंट से हटा दी गई है।'