मिर्जापुर के पहाड़ा स्टेशन को आग हवाले कर अंग्रेजी हुकूमत को दी थी इस वीर ने चुनौती
मिर्जापुर। भारत को आजादी दिलाने में देश भक्तों के जूनून व बलिदान से इतिहास के पन्ने भरे पड़े हैं। इनमें कई देश भक्तों को तो देश का बच्चा बच्चा जानता है लेकिन कई बलिदानी ऐसे रहे हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हो सके। इसका जीता जागता मिसाल जिले के पहाड़ी विकास खण्ड के पकरी का पुरा गांव निवासी जीत नरायण पांडेय थे। जिन्होंने देश प्रेम में जीवन को दांव पर लगाकर अंग्रेजी हुकूमत में पहाड़ा स्टेशन को आग के हवाले कर दिया था।
गांधी
जी
के
आंदोलन
में
लिया
भाग
आजादी
के
पूर्व
महात्मा
गांधी
ने
सन
1942
में
अंग्रेजों
भारत
छोड़ो
आंदोलन
की
शुरूआत
किया
था।
इसमें
देश
भक्तों
ने
जान
की
परवाह
किए
बगैर
आंदोलन
की
आग
में
कूद
पड़े
थे।
जिसमें
मिर्जापुर
जिले
के
लाल
जीत
नारायण
पांडेय
अपने
साथियों
नरेश
चंद्र
श्रीवास्तव
व
पुष्कर
नाथ
पांडेय
के
साथ
शामिल
हुए
थे।
इस
आंदोलन
में
उनके
साथी
नरेश
श्रीवास्तव
शहीद
हो
गए
थे।
जीतनारायण
पांडेय
ने
अंग्रेजों
के
दांत
खट्टे
कर
दिए
थे।
पहाड़ा
स्टेशन
जलाने
पर
पकड़ाए
थे
पहाड़ा
स्टेशन
जलाने
के
मामले
में
घबराये
अंग्रेजों
ने
नाकेबंदी
करके
जीतनारायण
पांडेय
को
गिरफ्तार
कर
लिया
था।
इसी
मामले
में
उन्हें
10
माह
की
सजा
सुनाई
गयी
थी।
लेकिन
देशभक्ति
में
मग्न
रहने
वाले
जीतनारायण
पर
इसका
कोई
प्रभाव
नहीं
पड़ा।
जेल
में
रहकर
भी
वह
आंदोलन
को
हवा
देने
में
लगे
थे।
आजादी
गांव
के
अलावा
जिले
भर
में
उनकी
देश
भक्ति
की
गाथा
सुनाई
जाती
है।
साधारण
किसान
के
घर
में
जन्म
हुआ
था
मिर्जापुर
जिले
के
विकास
खण्ड
पहाड़ी
के
पकरी
का
पुरा
गांव
में
सन
1912
में
खेती
किसानी
करने
वाले
लालता
प्रसाद
पांडेय
के
घर
में
जीतनारायण
पांडेय
के
रूप
में
जन्म
लिया
था।
घर
में
बच्चे
की
किलकारी
की
गूंज
से
पिता
व
परिवार
के
सदस्यों
में
खुशी
का
ठीकाना
नहीं
था।
लेकिन
किसी
को
क्या
मालूम
था
कि
उनका
लाल
देश
के
लिये
न्योछावर
होने
के
लिये
जन्म
लिया
है।
स्वाभिमान
के
लिये
नहीं
किया
जान
की
परवाह
जीतनारायण
पांडेय
आजादी
के
बाद
राजनीति
में
जरुर
रहे
लेकिन
उनकी
सक्रीयता
कम
ही
रही।
स्वाभाव
में
उनकी
गिनती
एक
जिद्दी
वयक्ति
के
रूप
में
की
जाती
थी।
लेकिन
स्वाभिमान
के
लिये
जरा
सा
भी
जान
की
परवाह
नहीं
करते
थे।
सिने
में
देश
भक्ति
का
जज्बा
लिये
जीतनारायण
पांडेय
ने
21
अगस्त
2014
को
दुनिया
को
अलविदा
कह
दिया।
एक
देश
भक्त
की
मौत
की
सूचना
मिलने
पर
पुलिस
ने
गार्ड
आफ
आनर
देकर
उनका
ससम्मान
अंतिम
संस्कार
करवाया
था।
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