अवैध बूचड़खाना चलाना होगा कानूनी अपराध, यूपी बनेगा देश का पहला राज्य!
योगी के उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खाना चलाना होगा कानून अपराध, देश का पहला राज्य बनेगा उत्तर प्रदेश जहां इसे अपराध करार दिया जाएगा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बूचड़खानों पर ताबड़तोड़ हमला बोल रहे हैं, जिस तरह से मुख्यमंत्री ने एक के बाद एक इस मसले पर कदम उठाए हैं उसे देखते हुए माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बनने की ओर है जहां अवैध कत्लखाना चलाना आपराधिक मामला माना जाएगा।
अवैध बूचड़खाना चलाने की सजा सिर्फ 50 रुपए जुर्माना
अभी के मौजूदा कानून पर नजर डालें तो ना तो आईपीसी और ना ही सीआरपीसी में इस तरह का कोई भी प्रावधान है कि अवैध बूचड़खाना को आपराधिक मामला माना जाए, मौजूदा समय में इसे प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटि टू एनिमल्स एक्ट 1960 के तहत ही गलत माना जाता है, जिसमें सिर्फ 50 रुपए का जुर्माना देना होता है जिसका कोई खास भय उन लोगों के भीतर नहीं होता है जो अवैध बूचड़खाना चलाते हैं।
सिर्फ गो हत्या के लिए है कानून
सरकार के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि गो हत्या से निपटने के लिए कानून है लेकिन अन्य जानवरों के बूचड़खानों को लेकर कोई खास कानून नहीं है। लेकिन प्रदेश में भाजपा सरकार के आने के बाद सभी जानवरों को अवैध तरीके से काटने पर जल्द ही रोक लग सकती है। प्रदेश की निकायों और नगर पालिकाओं का भी यह मानना है कि प्रदेश में जानवरों के अवैध बूचड़खानों के खिलाफ सख्त कानून होना चाहिए।
बैठक में सख्त कानून की पैरवी
नई सरकार के गठन के बाद 21 मार्च को जो एक गुप्त बैठक हुई है उसमें यूपी के मुख्य सचिव और प्रधान सचिव कानून, पर्यावरण, शहरी विकास, पशु विकास के अधिकारियों ने इस मुद्दे को लेकर चर्चा भी की है, जिसमें यह बात निकलकर सामने आई है कि प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को बंद कराने के लिए सख्त कानून की जरूरत है।
प्रदेश में सिर्फ 45 बूचड़खानों को लाइसेंस प्राप्त
प्रदेश के पशु विभाग के अधिकारियों ने पहले ही अवैध बूचड़खानों को चलाने वालों के खिलाफ सख्त कानून की वकालत की थी, ऐसे में नई सरकार के गठन के बाद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रदेश में अगर ऐसा कानून बन जाए तो उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहां जानवरों को अवैध रूप से काटना अपराध होगा। यूपी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार प्रदेश में सिर्फ 45 बूचड़खानों को लाइसेंस प्राप्त है, जबकि 140 बूचड़खानों को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
कई जगहों पर लगा ताला
राज्य सरकार ने बड़े अभियान के तहत बुधवार को कई अवैध बूचड़खानों पर ताला लगा दिया है, सात मीट प्रोसेसिंग यूनिट को मेरठ में बंद कर दिया गया है, जबकि तीन अलीगढ़, 16 मथुरा में भी बंद किए गए हैं। इसके अलावा मथुरा में अवैध तरीके से चल रही सात दुकानों को भी बंद कर दिया गया है जोकि मथुरा के मुर्गा पाठक इलाके में अवैध तरीके से चल रही थी। मेरठ के एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि इन दुकानदारों के पास वैध अनुमति नहीं थी।
कई दुकानों पर लगेगा ताला
मेरठ प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एग्जेक्युटिव इंजीनियर अंकित दीक्षित का कहना है कि कुछ दुकानदारों के पास अनुमति पत्र नहीं है तो कुछ के पास लॉग बुक ही नहीं है, वहीं कई दुकानें ऐसी थी जो यह नहीं बता सकी कि उन्हें किस वैध जगह से मांस मिल रहा है, ऐसे में हम प्रशासन से अपील करेंगे कि इन दुकानों के लाइसेंस को रद्द किया जाए। वहीं मेरठ में दुकानदारों का कहना है कि उन्हें गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।