क्या UP में कमाल दिखा पाएगा केजरीवाल का दिल्ली मॉडल, 300 यूनिट फ्री बिजली दी तो पड़ेगा 23000 करोड़ रुपए का बोझ
लखनऊ, 17 सितंबर: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव में लगभग सात महीने बचे हैं लेकिन सारी पार्टियां अभी से वोटरों को लुभाने की कवायद में जुट गई हैं। कोई युवाओं और छात्रों के लिए करोड़ टैबलैट और स्मार्टफोन देने की बात कर रहा है तो कोई सरकार बनने के बाद 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का वादा कर रही है। आम आदमी पार्टी (AAP) का दावा है कि यूपी में उसकी सरकार बनी तो उपभक्ताओं को फ्री में बिजली मिलेगी। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दिल्ली मॉडल क्या यूपी चुनाव में काम कर पाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा लेकिन जानकारों की मानें तो यूपी में फ्री बिजली देने से 23 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ सकता है।
AAP ने गुरुवार को कहा कि अगर वह उत्तर प्रदेश में सत्ता में आती है, तो वह घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली देगी। "बढ़े हुए" बिल माफ करेगी और 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेगी। विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आप नेता और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी किसानों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की। आप ने पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में ऐसे ही वादे किए हैं, जहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं।
दिल्ली
में
200
यूनिट
बिजली
फ्री
देने
का
वादा
काम
कर
गया
था
पिछले
दिल्ली
विधानसभा
चुनाव
में
आप
ने
घरेलू
उपभोक्ताओं
को
200
यूनिट
तक
मुफ्त
बिजली
देने
का
वादा
किया
था
और
उसके
बाद
आधी
कीमत
पर
200
यूनिट
तक
बिजली
देने
का
वादा
किया
था,
जिसके
बारे
में
माना
जाता
है
कि
इसने
चुनाव
में
अहम
भूमिका
निभाई
थी।
अरविंद
केजरीवाल
के
नेतृत्व
वाली
पार्टी,
जिसने
उत्तर
प्रदेश
की
सभी
403
विधानसभा
सीटों
पर
चुनाव
लड़ने
का
फैसला
किया
है।
आप
ने
आरोप
लगाया
है
कि
उत्तर
प्रदेश
में
बिजली
की
दरें
इतनी
महंगी
हैं
कि
लोगों
के
लिए
बिलों
का
भुगतान
करना
बहुत
मुश्किल
हो
रहा
है।
काशी विद्यापीठ के असिसटेंट प्रोफेसर दुर्गेश कुमार उपाध्याय कहते हैं कि,
''मुझे नहीं लगता कि यूपी की जनता इस तरह के दावों पर भरोसा करेगी। वो भी चुनाव के समय जनता के सामने इस तरह का वादा करना तो एक तरह का लॉलीपाप ही है। यूपी और दिल्ली की परिस्थितियों में जमीन आसमान का अंतर है। आप दिल्ली मॉडल को यूपी में लागू नहीं कर सकते। यूपी की जनसंख्या और यहां का वर्क कल्चर भी दिल्ली से बिल्कुल अलग है। 300 यूनिट तक बिजली फ्री कर देने जैसी बात फिलहाल तो दूर की ही बात है।''
बिजली
की
बढ़ी
कीमतों
की
वजह
से
लोगों
की
जान
जाने
का
आरोप
सिसोदिया
ने
आरोप
लगाया
कि
सरकार
लोगों
से
कहती
है
कि
"या
तो
बिजली
बिल
का
भुगतान
करें
या
अपराधियों
के
रूप
में
टैग
किया
जाए"।
सिसोदिया
ने
दावा
किया
कि
उत्तर
प्रदेश
में
ऐसे
सैकड़ों
उदाहरण
हैं
जहां
आम
लोगों
ने
बढ़े
हुए
बिजली
बिल
प्राप्त
करने
के
बाद
आत्महत्या
कर
ली
है,
सिसोदिया
ने
दावा
किया
कि
अलीगढ़
में
रामजी
लाल
नाम
के
एक
किसान
ने
बिजली
बिल
का
भुगतान
न
करने
पर
खुद
को
मार
डाला।
फ्री
बिजली
से
यूपी
पर
बढ़ेगा
23000
करोड़
का
अतिरिक्त
बोझ
उत्तर
प्रदेश
राज्य
विद्युत
उपभोक्ता
परिषद
के
अध्यक्ष
अवधेश
कुमार
वर्मा
कहते
हैं
कि,
"यूपी में फ्री बिजली देना इतना आसान नहीं है। इससे राज्य सरकार पर आवश्यकता से अधिक बोझ बढ़ जाएगा। इसमें एक विकल्प यह हो सकता है कि सरकार कुछ समय के लिए इसे निश्चित समय तक दे सकती है। बिजली फ्री देने के लिए सीधेतौर पर सब्सिडी में इजाफा करना पड़ेगा। वहीं यूपी में अभी 2करोड़ 75 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं जिनसे कुल 26 हजार करोड़ के लगभग राजस्व आता है। सरकार द्वारा कुल घोषित सब्सिडी 11 हजार करोड़ रुपए की होती है। यूपी में अगर 300 यूनिट बिजली फ्री दी जए तो उपभक्ताओं की कुल संख्या लगभग 2 करोड़ 43 लाख की होगी। उनसे वर्तमान में जो राजस्व मिलना है वह लभग 21182 करोड़ की अतिरिक्त सब्सिडी देनी होगी।''
किसानों के लिए देनी पड़ेगी 2000 करोड़ की सब्सिडी
वर्मा कहते हैं कि इसी तरह किसानों की कुल संख्या लगभग 13 लाख के आसपास है और उनका उनका कुल अनुमोदित राजस्व लगभग 1845 करोड़ के करीब है। यानी किसानों की बिजली फ्री करने के लिए अतिरिक्त लगभग 2000 करोड़ की सब्सिडी सरकार को देनी पड़ेगी। जाहिर सी बात है कि दोनों को मिला दिया जाए तो सरकार पर 23000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।