कैसे यूपी चुनाव में भाजपा के हिंदुत्व वाले एजेंडे में रोड़ा अटकाने की तैयारी कर रही है बसपा ? जानिए
लखनऊ, 2 अगस्त: बीजेपी यूपी में अगले विधानसभा चुनाव में भी हिंदुत्व के मुद्दे पर ही फोकस करेगी। रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के लखनऊ और मिर्जापुर दौरे से यह लगभग स्पष्ट हो गया है। लेकिन, बीजेपी के इस एजेंडे में बीएसपी पलीता लगाने की तैयारी कर रही है। पार्टी 2007 वाले अपने सफल एजेंडे पर वापस चलने की नीति अपना रही है। तब मायावती की पार्टी का नारा था- 'ब्राह्मण शंख बजाएगा, हाथी चलता जाएगा।' एकबार फिर से पार्टी ब्राह्मणों पर डोले डालने की कोशिशों में लगी है, जिसे कि यूपी में बीजेपी का कोर वोटर माना जाता रहा है।
यूपी में 'हिंदुत्व' ही होगा भाजपा का मुख्य एजेंडा
यह तो लगभग पहले से ही साफ था कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा हिंदुत्व के मुद्दे पर ही फोकस करेगी। रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के यूपी दौरे से इसपर करीब-करीब मुहर भी लगा दी गई है। उन्होंने यूपी में दो प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी है। लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस और मिर्जापुर में विंध्यवासिनी कॉरिडोर। इस दौरान उन्होंने जो दो सभाओं को संबोधित किया, उससे जाहिर हो गया कि उत्तर प्रदेश में जिस एजेंडे ने भाजपा को फल दिया है, उससे वह अगली चुनावी फसल काटने के लिए भी तैयार है। मिर्जापुर में शाह बोले-'बीजेपी ने राम मंदिर पर अपना वादा पूरा किया.....अयोध्या में एक भव्य राम मंदिर जल्द ही वास्तविकता बनेगा....हम इसके लिए पिछले 500 वर्षों से लड़ रहे थे।'
धर्म स्थलों से जुड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर फोकस
गृहमंत्री यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा कि 'पहले की सरकारें राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं करवा पाईं...उन्होंने बृज भूमि (भगवान कृष्ण की भूमि) और चित्रकूट को विकसित करने का प्रयास क्यों नहीं किया, जहां भगवान राम ने कई वर्ष बिताए थे।' उन्होंने आरोप लगाया कि 'पहले की सरकारों ने हिंदू धर्म स्थलों पर ध्यान नहीं दिया और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते रहे।' उनका कहना है कि यूपी सरकार ने हिंदुओं के धर्म स्थलों को विकसित करने के कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं। वे 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों का जिक्र करना भी नहीं भूले और कहा कि पिछली सरकार के दौरान पश्चिमी यूपी से एक खास समुदाय की खौफ के चलते लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ गया था। लेकिन, 'अब यूपी के हालात बदल चुके हैं, कानून का शासन स्थापित हो चुका है और माफिया पुलिस के सामने हथियार डाल रहे हैं।'
अपने 'कोर' एजेंडे से पीछे नहीं हटेगी बीजेपी
इनके अलावा यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी हिंदुत्व के एजेंडे को और स्पष्ट करते हुए अयोध्या, चित्रकूट, विंध्याचल, वाराणसी, प्रयागराज और दूसरे धर्म स्थलों के लिए शुरू की गई विकास परियोजनाओं का जिक्र किया। यही नहीं उन्होंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाने का उदाहरण देते हुए कहा कि किस तरह से बीजेपी सरकार ने केंद्र की पुरानी सरकार की गलतियों को सुधारने का काम किया है। लेकिन, यूपी में भाजपा के इस एजेंडे में सेंध लगाने की सबसे बड़ी कोशिश मायावती की बहुजन समाज पार्टी ने शुरू की है।
ब्राह्मणों पर डोरे डालने में जुटी बीएसपी
रविवार को ही बसपा ने भाजपा के एजेंडे की धार को कुंद करने का बड़ा दांव चला है। पार्टी को यह लग रहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के कार्यकाल से ब्राह्मण समाज नाराज है। गौरतलब है कि बीजेपी के हिंदुत्व वाले एजेंडे में इस समाज का बहुत ही सशक्त रोल माना जाता है। कानपुर में बीएसपी नेता और मायावती की पार्टी के सबसे कद्दावर ब्राह्मण चेहरे सतीश मिश्रा ने 'प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन' में आरोप लगाया है कि 'उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार न सिर्फ दलित-विरोधी है, बल्कि यह ब्राह्मण विरोधी भी है।' इसके लिए उन्होंने गैंगस्टर विकास दुबे का जिक्र किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि दुबे के एक रिश्तेदार की पत्नी खुशी दुबे पर गैर-जरूरी तरीके से मुकदमा किया गया है।
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भाजपा के एजेंडे पर बसपा का फोकस
कानपुर के बिकरू गांव में पिछले साल 3 जुलाई को अपराधी सरगना विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस टीम पर उसके गैंग ने हमला किया था, जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। एक हफ्ते बाद 10 जुलाई को उज्जैन से पकड़कर कानपुर लाने के दौरान कथित रूप से उसने भागने की कोशिश की थी और पुलिस एनकाउंटर में उसे वहीं ढेर कर दिया गया था। बसपा नेता का आरोप है कि बिकरू कांड के नाम पर यूपी पुलिस ने कई 'बेकसूर' ब्राह्मणों को झूठे केस में फंसाया है। मिश्रा का दावा है कि बसपा ने हमेशा ब्राह्मणों का साथ और सम्मान दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा है कि जब बीएसपी की सरकार थी तो मथुरा-वृंदावन, वाराणसी और अयोध्या समेत कई धर्म स्थलों में विभिन्न विकास कार्य किए गए थे। खुद ब्राह्मण नेता होने की दावेदारी करने की हैसियत से उन्होंने कहा है, '2022 में प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए ब्राह्मणों को बीएसपी के साथ हाथ मिलाना चाहिए।'