आखिर क्यों योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी को बंद करनी पड़ी सदस्यता
हिंदू युवा वाहिनी ने समाजवादी पार्टी के गुंडों की वजह से सदस्यता अभियान को अगले एक साल तक के लिए किया बंद
गोरखपुर। योगी आदित्यनाथ की हिंदू युवा वाहिनी ने समाजवादी पार्टी की वजह से अपने सदस्यता अभियान पर रोक लगा दी है। पिछले कुछ दिनों में हुई घटनाओं का हवाला देते हुए वाहिनी ने नए सदस्यों को अपने साथ जोड़ने के अभियान को हाल फिलहाल के लिए रोक दिया है। हिंदू युवा वाहिनी का मानना है कि पिछले कुछ दिनों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिंदू युवा वाहिनी के नाम पर कई जगह हिंसा की है जिसके चलते सदस्यता अभियान को रोक दिया गया है।
हिंदू युवा वाहिनी के महासचिव पीके मल का कहना है कि अगले छह महीने से एक साल तक हिंदू युवा वाहिनी किसी भी नए सदस्य को संगठन में शामिल नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि गैर भाजपाई लोग संगठन में शामिल हो रहे हैं और यही वह लोग हैं जो गोरक्षा और लव जेहाद के नाम पर लोगों के साथ हिंसा कर रहे हैं और तमाम जगहों पर ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं जिसके चलते संगठन का नाम बदनाम हो रहा है।
पीके मल ने आरोप लगाया है कि समाजवादी पार्टी के गुंडे अब भगवा गमछा पहनकर ऐसे हिंसक घटनाओं को अंजामम दे रहे हैं। लेकिन हमने अपने तमाम कार्यकर्ताओ को इस बाबत सचेत कर दिया है। आपको बता दें कि हाल ही में बुलंदशहर में हिंसा का एक मामला सामने आया था जिसमें पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था, इन सभी लोगों पर एक बुजुर्ग के साथ पिटाई करने का आरोप है जिसकी पिटाई के बाद मौत हो गई थी। बुजुर्ग पर आरोप था कि उसने अपने एक रिश्तेदार को दूसरे धर्म में शादी करने के लिए मद की थी। इस घटना के बाद ही हिंदू युवा वाहिनी ने यह फैसला लिया है।
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पीके
मल
का
कहना
है
कि
तीनों
ही
लोग
हिंदू
युवा
वाहिनी
के
सदस्य
हैं
लेकिन
इनपर
लगाए
गए
सभी
आरोप
बेबुनियाद
हैं।
पिछले
कुछ
दिनों
में
कई
आपराधिक
पृष्ठभूमि
के
लोग
संगठन
में
शामिल
होने
की
कोशिश
कर
रहे
हैं,
लेकिन
अब
हम
हर
जिले
का
दौरा
करेंगें
और
ऐसे
लोगों
की
पहचान
करके
उन्हें
बाहर
का
रास्ता
दिखाएंगे।
आपको
बता
दें
कि
पीके
मल
को
योगी
आदित्यनाथ
के
करीबियों
में
गिना
जाता
है।