यूपी: राम मंदिर निर्माण को लेकर संत कि गिरफ्तारी ने योगी सरकार के लिए खड़ी की मुश्किलें, चाहने वाले हुए खिलाफ
सुल्तानपुर। चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के मुद्दे को पूरी तरह धार देने का काम चल रहा है। सरकार के मंत्री जहां इस मुद्दे पर बयानबाजी कर सुर्खियां बटोर रहे हैं। वहीं संत समाज मौका गंवाए बिना निर्माण होना देखना चाहते हैं। संतो ने इसके लिए प्रदर्शन शुरु तो सरकार आड़ेहाथ आ गई। नतीजा ये हुआ कि संतो के समर्थन में वो हिंदूवादी संगठन जिनकी नजर में मुख्यमंत्री कभी आंखों का तारा हुआ करते थे, उन्हीं के विरुद्ध सड़क पर उतर आए। मंगलवार को अयोध्या से सटे सुल्तानपुर जिले में विहिप और हिन्दू युवा वाहिनी भारत के सदस्य संतो के सम्मान में मैदान में उतर आए।
हिंदू युवा वाहिनी भारत और विहिप ने किया सरकार का विरोध
हिंदू युवा वाहिनी व सैकड़ों नागरिक एवं सुल्तानपुर के समस्त पदाधिकारी ने डीएम से मिलकर सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के द्वारा कानून बनाकर अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द कराए जाने की मांग किया। इस संबंध में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी सुल्तानपुर को दिया गया। हिंदू युवा वाहिनी भारत के सदस्यों का कहना है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में विगत कई दिनों से शांति पूर्ण तरीके से आमरण अनशन पर बैठे महंत परमहंस दास की कल रात्रि में जबरन गिरफ्तारी कर अनशन तोड़ने का शासन द्वारा प्रयास किया गया। भारतीय संविधान भी प्रत्येक नागरिक को विचार एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान करता है। अनशन भी अभिव्यक्ति का एक साधन मात्र है। उ.प्र. शासन का कार्य पूर्ण रूप से अनैतिक लोकतंत्र की हत्या है। हिन्दु युवा वाहिनी भारत शासन के इस कृत्य की घोर निन्दा करती है। लोकतंत्र में शासन की तानाशाही कतई बर्दाश्त नही की जाएगी।
इसी क्रम में विश्व हिंदू परिषद संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष अरविंद सिंह राजा एडवोकेट के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने स्वामी परमहंस दास की मांग को जायज बताते हुए राम मंदिर निर्माण कराने की मांग की है। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष अरविंद सिंह राजा ने कहा कि अभियक्ति की आजादी सभी को है और अनशन भी अभिव्यक्ति का ही अंग है।
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