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क्या था अमित शाह का वो 'ब्रह्मास्त्र', जिसके आगे नहीं टिक पाई सपा-बसपा की जोड़ी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीट पर चुनाव के दौरान तमाम सियासी दलों ने अपने उम्मीदवार को संसद पहुंचाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। तमाम कोशिशों के बाद भी बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को हार का सामना करना पड़ा है, जिसके बाद विपक्ष के विधायकों के बीच एकजुटता की पोल खोल खुल गई है। यूपी में 10 में से 9 सीटों पर भाजपा की जीत के पीछे भाजपा के मास्टर रणनीतिकार अमित शाह का बड़ा हाथ माना जा रहा है। जिस तरह से अमित शाह ने तमाम दलों के विधायकों के साथ बेहतर समन्वय बनाया और उन्हें उनकी ही पार्टी के खिलाफ वोट करने के लिए राजी किया उसके चलते सपा-कांग्रेस समर्थित बसपा उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा की इस जीत के पीछे अमित शाह का एक बहुत बड़ा दांव भी काफी अहम साबित हुआ।

नरेश अग्रवाल ने बिगाड़ा खेल

नरेश अग्रवाल ने बिगाड़ा खेल

दरअसल राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से सपा के दिग्गज नेता नरेश अग्रवाल भाजपा में शामिल हुए उसकी वजह से भाजपा को चुनाव में काफी मदद मिली। नरेश अग्रवाल सपा सहित बसपा और कांग्रेस में रह चुके हैं। लिहाजा उनकी तकरीबन हर पार्टी के बीच अच्छी पैठ है, जिसका फायदा भाजपा ने इस राज्यसभा चुनाव में जमकर उठाया। इसका नतीजा यह हुआ कि सपा और बसपा के विधायकों ने ही अपने पार्टी के उम्मीदवार को वोट नहीं दिया और भाजपा के नौंवे उम्मदीवार को भी जीत मिली।

भाजपा में शामिल हुए थे नरेश अग्रवाल

भाजपा में शामिल हुए थे नरेश अग्रवाल

सपा की ओर से राज्यसभा का टिकट नहीं दिए जाने से नरेश अग्रवाल काफी नाराज थे, जिसकी वजह से उन्होंने सपा से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा की डोर थाम ली थी। हालांकि इस फैसले के बाद भाजपा की जमकर आलोचना हुई थी और लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर उनके पुराने बयानों को साझा किया। लेकिन इन सब के बाद भाजपा को राज्यसभा चुनाव में नरेश अग्रवाल का लाभ मिला।

10वीं सीट पर नूराकुश्ती

10वीं सीट पर नूराकुश्ती

दरअसल 10वें उम्मीदवार को लेकर यूपी विधानसभा में जमकर सियासत हुई, काफी देर तक इस सीट को लेकर मामला अटका रहा। एक-एक विधायक का वोट इस वक्त काफी अहम हो गया था, दोनों ही तरफ से क्रॉस वोटिंग का खेल हुआ, जिसमे आखिरकार भाजपा के उम्मीदवार अनिल अग्रवाल ने बाजी मार ली और दूसरी वरीयता के वोटों के आधार पर उन्हें जीत मिली। नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल ने भाजपा के पक्ष में अपना वोट दिया, जिसकी वजह से सपा को एक वोट का नुकसान हुआ। बसपा उम्मीदवार को प्रथम वरीयता का सिर्फ 33 वोट मिला।

इसे भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: BSP की हार से अखिलेश के इस 'बड़े प्लान' पर फिरा पानी

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English summary
Here is how Amit Shah master stroke in UP rajyasabha election won 9 seats in the state. His decision to join Naresh Agarwal in BJP proved the key.
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