राज्यसभा चुनाव: आखिरी दो घंटे में भाजपा ने पलटी बाजी, बिगाड़ दिया सपा-बसपा का खेल
Recommended Video
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों को लेकर शुक्रवार को हुई वोटिंग में कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की जिसके चलते बसपा के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा और भाजपा अपने 9वें उम्मीदवार को भी राज्यसभा भेजने में सफल हो गई। वोटिंग के आखिरी दो घंटे में हुए इस खेल ने सपा और बसपा की रणनीति पर पानी फेर दिया, जिसके बाद भाजपा के खाते में 9 और सपा के खाते में 1 सीट आई, जबकि बसपा खाली हाथ रह गई।
बिगड़ा सपा-बसपा का खेल
उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव के दौरान जिस तरह से सपा और बसपा करीब आए और दोनों सीट पर गठबंधन किया उसके बाद माना जा रहा था कि एक बार फिर से यह गठबंधन जीत दर्ज करेगा। लेकिन इस बार सपा-बसपा के बीच गठबंधन भी बसपा के उम्मीदवार को राज्यसभा पहुंचाने में सफल नहीं हुआ। बसपा ने फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में सपा उम्मीदवार को जिताने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसके बाद सपा के दोनों उम्मीदवार को जीत मिली। हालांकि बसपा को सपा के विधायकों ने अपना समर्थन दिया लेकिन बावजूद इसके भाजपा के अनिल अग्रवाल जीतने में सफल रहे।
क्रॉस वोटिंग
भाजपा के उम्मीदवार अनिल अग्रवाल व बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे की टक्कर थी, जिसमे अंबेडकर को 33 वोट मिले, यहां गौर करने वाली बात यह थी कि सपा और कांग्रेस दोनों ने बसपा को अपना समर्थन दिया था। अनिल अग्रवाल दूसरी बार की गिनती में चुनाव में जीते, जिसमे बसपा उम्मीदवार को दूसरी प्राथमिकता के सपा विधायकों का वोट नहीं मिला। सपा और बसपा दोनों के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी। निषाद पार्टी के एक विधायक ने भाजपा को अपना वोट दिया, जबकि बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी व सपा के हरिओम यादव को कोर्ट ने वोट देने की इजाजत नहीं दी। जिसकी वजह से सपा-बसपा के गठबंधन को 5 वोटों को नुकसान उठाना पड़ा।
हर पल बदला खेल
हालांकि बसपा के अनिल सिंह ने कहा था कि उन्होंने भाजपा को अपना वोट दिया था, जिसके बाद में उन्होंने कहा था कि मैंने अपना वोट दे दिया है और मुझे दूसरों की जानकारी नहीं है। उन्हें राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले रात में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ जाते देखा गया था, जिससे साफ था कि वह राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को अपना वोट देंगे। सपा के पूर्व नेता नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल ने भी भाजपा के उम्मीदवार को अपना वोट दिया था। यही नहीं भाजपा निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी का भी वोट हासिल करने में भी सफल रही। वोट के बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने महाराज जी के निर्देश का पालन किया।
राजा भैया ने साफ किया रुख
निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह ने भी ट्वीट करके कहा था कि मैं अखिलेशजी के साथ हूं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं बसपा के साथ हूं। मैं सपा उम्मीदवार जया बच्चन के लिए वोट करुंगा। हालांकि राजा भैया योगी आदित्यनाथ के साथ आखिर में वोट डालने वाले थे, ऐसे में माना जा रहा था कि वह भाजपा के पक्ष में वोट दे सकते हैं। शुक्रवार को 400 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वोटिंग दोपहर 3 बजे समाप्त हुई थी, जोकि निर्धारित समय से एक घंटा अधिक थी।
ऐसे बिगड़ा बसपा का खेल
लेकिन मतदान के दौरान बड़ा खेल आखिरी समय में देखने को मिला, जब विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग का रुख किया और क्रॉस वोटिंग की शिकायत की। सपा और बसपा ने आरोप लगाया था कि विधायकों ने अपना वोट बैलट एजेंट को नहीं दिखाया था, जबकि यह नियम है कि वोट डालने से पहले आपको अपना वोट दिखाना होगा। आखिरी में भाजपा अपने 324 विधायकों की बदौलत आसानी से 8 उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने में सफल रही साथ ही 37 अन्य वोटों के साथ 9वें उम्मीदवार को भी जिताने में सफल हुई। आपको बता दें कि सपा के पास 47 विधायक थे, बसपा के पास 19 विधायक थे। लेकिन दो विधायकों के जेल में होने की वजह से विपक्ष के दो वोट कम हो गए।
इसे भी पढ़ें- राज्यसभा चुनाव: एक विधायक की 'अंतरात्मा' ने मायावती और अखिलेश के सपने को चकनाचूर कर दिया