'क्योटो' बनने वाले काशी की सड़कों पर पहली बारिश में हुआ 15 फीट का गड्ढा
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इसे गड्ढा मुक्त बनाने का वादा किया लेकिन सावन की पहली तेज बारिश ने इन दोनों वादों का पोल खेल कर रख दिया।
वाराणसी। सांसद बनने के बाद पीएम मोदी ने बनारस को क्योटो बनाने का दावा किया था वहीं मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने इसे गड्ढा मुक्त बनाने का वादा किया लेकिन सावन की पहली तेज बारिश ने इन दोनों वादों का पोल खोल कर रख दिया। हालात यह है कि बारिश से बनारस की सड़कें 15 फीट नीचे तक धंस कर मौत को दावत दे रही हैं। हालांकि बारिश के इस कहर में किसी भी जानमाल का नुकसान नहीं हुआ पर भीड़ भरे शहर में आवागमन पूरी तरह प्रभावित रहा।
सीवर भी हुए फेल
बताया जा रहा है कि सावन माह को ध्यान में रखते हुए सड़कों को खोद कर यहां सीवरों की सफाई की गई थी। सफाई के बाद इन गढ्ढों को दोबारा भर दिया गया था लेकिन बारिश ने इसकी पोल खोल दी। यह गड्ढा जिस रास्ते पर बना है उसी रास्ते कांवड़ गंगा जल लेकर जाते है। ऐसे में यह गड्ढा किसी बड़ी घटना को दावत दे सकता है। बनारस के सीवर भी इस भीषण बारिश में फेल हो गए है और सीवरों का पानी सड़क पर बह रहा है।
क्या कहते है वाराणसी के मेयर
वाराणसी के मेयर राम गोपाल मोहले जो रोज बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए आते हैं उन्होंने भी शहर के पर करीब 15 फीट के गढ्ढे को देखने के बाद खुद ही मौके पर रुक गए और उन्होंने वहीं इंजिनियर को बुलाकर जमकर फटकार लगाई। बीती रात की बारिश में गोदौलिया से गिरजाघर मार्ग पर हुए इस गढ्ढे से आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया था। प्रशासन ने इस मार्ग को सील कर दिया हैं मेयर ने ये दावा दोपहर तक इस मार्ग में बालू को भरकर गढ्ढे को बंद कर आम लोगो के लिए रास्ता खोल दिया जायेगा पर मिडिया से बात करते हुए उन्होंने भी माना की ये घटना यदि कल दोपहर में होती तो बड़ी दुर्घटना साबित हो जाती।
सड़कों से लेकर घरों तक पानी ही पानी
कल की बारिश ने वाराणसी के नगर निगम और जलकल निगम की पोल खोल कर रख दी हैं। सावन महीने शुरू होते ही शहर में कांवड़ियों और आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए नगर निगम ने ये दावा किया था की सीवर के पाइप लाइन को पूरी तरह से साफ कर लिया गया हैं लेकिन पहली ही बारिश में शहर के ज्यादातर हिस्सों के सड़कों में पानी ही पानी है। कई इलाको में तो पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया है। बारिश के इस कहर ने वाराणसी के जान जीवन को अस्त व्यस्त कर दिया था।