आयशा एनजीओ के स्वाधार गृह का बड़ा फर्जावाड़ा, दो महिलाओं के नाम पर ले रहे थे 21 का अनुदान
हरदोई। बालिका संरक्षण गृह देवरिया में हुई घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। हालांकि हरदोई जिले में नारी संरक्षण गृह तो नहीं है लेकिन निराश्रित और पीड़ित महिलाओं को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण देने को बेनीगंज कस्बे में आयशा ग्रामोद्योग द्वारा संचालित आवासीय स्वाधार गृह संचालित है। जहां पर महिलाओं को आवासीय रोजगार प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां डीएम पुलकित खरे ने निरीक्षण किया तो उन्हें अनियमितताएं मिलीं। स्वाधार गृह में पंजीकृत 21 महिलाओं में मात्र दो मौजूद मिलीं। कड़ाई से पूछा गया तो पता चला कि केवल दो महिलाएं ही रुकती हैं, बाकी कागजों पर ही पंजीकृत हैं। डीएम ने कड़ी नाराजगी जताते हुए संस्था पर कार्रवाई के साथ अनुदान रोकने का आदेश दिया है।
बेनीगंज कस्बे के मुहल्ला कृष्णा नगर में एक किराए के मकान में आयशा ग्रामोद्योग द्वारा स्वाधार गृह संचालित हैं। बताते हैं कि वर्ष 2001 से संचालित इस ग्रह में हरदोई समेत आसपास जिले की पीड़ित महिलाओं को रखकर उन्हें खाना- नाश्ता के साथ ही सिलाई, कढ़ाई, ब्यूटीशियन आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रति माह कुछ रुपये भी दिए जाते हैं। देवरिया में हुई घटना को गंभीरता से लेते हुए शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी पुलकित खरे, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट श्रृद्धा शांडिल्यायन के साथ निरीक्षण करने पहुंचे। निरीक्षण के बारे में दी गई जानकारी के अनुसार पंजीकृत 21 महिलाएं थी लेकिन मात्र दो ही मौजूद मिलीं।
डीएम ने बताया कि पूछा गया तो अधीक्षिका बार-बार गलत जानकारी देती रही। जैसा कि बताया गया कि अधीक्षिका ने बाकी 19 महिलाओं के बारे में बताया कि 15 महिलाएं दवा लेने गई हैं और चार मंदिर गईं। लेकिन लिखापढ़ी कोई नहीं थी डीएम ने बताया कि अधीक्षिका गलत बोल रहीं थी। जो महिलाएं मिलीं उन्होंने खुद पोल खोली। दूसरी तरफ डीएम ने कड़ाई से पूछा तो अधीक्षिका ने भी दो महिलाओं के ही रुकने की बात स्वीकार की।
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