Gyanvapi Masjid: जहां शिवलिंग मिला उस स्थान को सील करें, कोर्ट के आदेश में और क्या है ? जानिए
वाराणसी, 16 मई: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद में सोमवार को एक नया मोड़ आ गया है। मस्जिद परिसर के भीतर एक शिवलिंग मिलने के दावे पर कार्रवाई करते हुए कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दे दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने वहां किसी के जाने पर पाबंदी लगा दी है। कोर्ट ने इस आदेश की तामील के साथ-साथ वाराणसी के डीएम, पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट और सीआरपीएफ के कमांडेंट को सील वाली जगह की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी है। कोर्ट को आज सर्वे खत्म होने के बाद प्रार्थना पत्र देकर इस तरह की गुजारिश की गई थी, जिसमें शिवलिंग की प्राप्ति को बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य बताया गया है। इस मामले की सुनवाई कल होगी।

जहां शिवलिंग मिला उस स्थान को सील करें- कोर्ट
वाराणसी में आज ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान कुएं में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने उस जगह को सील करने का आदेश दे दिया है, साथ ही उस जगह पर किसी के जाने पर रोक लगा दी है। इससे पहले वकीलों ने दावा किया था कि मस्जिद परिसर के कुएं में शिवलिंग मिला है। वाराणसी के सिविल जज रवि कुमार दिवाकर की अदालत में इसके बाद अर्जी देकर मस्जिद परिसर में शिवलिंग पाए जाने को बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य मानते हुए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेश देने की मांग की गई कि वह इसे फौरन सील करें। इसके साथ ही डीएम को यह आदेश देने की मांग की गई कि वह वहां लोगों के प्रवेश को वर्जित करें। वजू पर भी रोक लगाने की मांग की गई।


सील वाली जगह पर किसी को जाने की इजाजत नहीं
इसके आलोक में जज रवि कुमार दिवाकर ने प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट को आदेश दिया कि जिस स्थान पर शिवलिंग प्राप्त हुआ है, उसे सील करें और किसी भी व्यक्ति को वहां जाने पर रोक लगाएं। यही नहीं, अदालत ने सील वाली जगह को संरक्षित और सुरक्षित रखने की पूर्ण जिम्मेदारी व्यक्तिगत तौर पर वाराणसी के डीएम, पुलिस कमिश्नर, पुलिस कमिश्नरेट और सीआरपीएफ कमांडेंट को सौंप दी है। कोर्ट ने आदेश में कहा है कि प्रशासन ने इसपर क्या कार्रवाई की है, इसका सुपरविजन पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, यूपी, लखनऊ और मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश करेंगे। अदालत कमीशन की रिपोर्ट पर मंगलवार को सुनवाई करेगी।

वजू वाली जगह मिला शिवलिंग- वकील
इससे पहले सर्वे की जानकारी देते हुए वकील दीपक सिंह ने कहा है, 'तीसरे दिन का सर्वे किया गया....एक पत्थर मिला, हमने दावा किया कि यह शिवलिंग है। यह करीब 3 फीट ऊंचा है। यह उस जगह पर है, जहां मुसलमान वजू करते हैं। वह दावा कर रहे थे कि यह फाउंटेन है, लेकिन जब साफ किया तो पाया गया कि यह शिवलिंग है।' उधर ज्ञानवापी मस्जिद केस में याचिकाकर्ता सोहन लाल आर्या ने दावा किया कि 'शिवलिंग....जिसकी नंदी प्रतीक्षा कर रही थी.........सबकुछ साफ हो चुका है, मस्जिद के अंदर हर-हर महादेव के जयकारे लगने लगे।' सर्वे के दौरान कोर्ट कमीशन के साथ ये भी थे।

क्यों हो रहा है सर्वे ?
18 अप्रैल, 2021 को यह कानूनी लड़ाई तब शुरू हुई थी, पांच महिलाएं- राखी सिंह, लक्ष्मी देवी, सीता साहू और दूसरों ने वाराणसी में कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मस्जिद की दीवार पर उपस्थित देवी-देवताओं की पूजा प्रतिदिन करने की अनुमति मांगी। अभी यह साल में मुख्यतौर पर दो ही मौकों पर दी जाती है। उन्होंने अदालत से यह भी अपील की कि यह सुनिश्चित करें कि विरोधी पक्ष मूर्तियों को किसी तरह से क्षतिग्रस्त ना करें ।
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सुप्रीम कोर्ट में हो सकती है सुनवाई
इस बीच वाराणसी कोर्ट के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के आदेश को सुप्रीम कोर्ट से रोक लगवाने में पहले प्रयास में विफल रह चुकी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया कमिटी ने फिर से अपील दायर की हुई है। संभावना है कि निचली अदालत के इस आदेश के खिलाफ मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो जाए। मुस्लिम पक्ष ने अबतक सर्वे को रोकने के लिए हर तरह की कोशिशें की हैं, लेकिन फिलहाल उन्हें कामयाबी नहीं मिली है।