VIDEO: शाम को सरकारी कार्यालय बन जाता है 'बार'!, लेखपालों की सज जाती है महफिल
शराब के नशे में चूर जब इन लेखपालों से पूछा गया कि ये सब क्या हो रहा है। तो ये जवाब दे रहे हैं कि आय-जाति प्रमाण पत्र बना रहे हैं।
इटावा। उत्तर प्रदेश में जहां एक ओर सीएम ने सरकारी कार्यालयों में धूम्रपान के प्रयोग को पूर्णतया वर्जित कर दिया है। वहीं सीएम के इस आदेश की इटावा सदर तहसील में जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। ये देखिए इटावा सदर की तहसील का एक नजारा। इटावा सदर की तहसील में शाम को पांच बजते ही यहां तैनात लेखपाल और उनके मुंह लगे दलाल तहसील के कार्यालयों को शराब पीने के अड्डे में तब्दील कर देते हैं। ये नजारा शाम पांच बजे के बाद का है, जैसे ही इटावा तहसील पांच बजे बन्द होनें को होती है, तो वैसे ही इस तहसील के कार्यालय बार में तब्दील हो जाते हैं। इनके कार्यालयों की मेजों पर शराब की महफिल सज जाती है।
इटावा तहसील परिसर के कार्यालयों में शराब की महफिल प्रतिदिन शाम को पांच बजे के बाद सजती है। हमारे कैमरे में तहसील कार्यालय के अंदर शराब पीते जो दो शख्स कैमरे में कैद हुए हैं। ये दोनों ही शख्स इटावा तहसील में लेखपाल के पद पर तैनात हैं। इनमें एक साहब का नाम शिवराज सिंह यादव और दूसरे लेखपाल साहब का नाम राजेश चौहान है। शराब के नशे में चूर जब इन लेखपालों से पूछा गया कि ये सब क्या हो रहा है। तो ये जवाब दे रहे हैं कि आय-जाति प्रमाण पत्र बना रहे हैं।
ये वीडियो इस बात का प्रमाण है कि शाम पांच बजे के बाद तहसील के लेखपालों और दलालों के लिए इटावा सदर तहसील के कार्यालय शराब का अड्डा बन जाते हैं। इस मामले की जानकारी होने पर इटावा सदर एसडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है और एसडीएम साहब भी स्वीकार कर रहे हैं। कार्यालय में शराब पी रहे दोनों ही कर्मचारी उनके लेखपाल हैं। वहीं इन शराबी लेखपालों से पूछा गया तो ये कुछ भी बताने से मुकर गए और वहां से खड़े होकर चल दिए। जब इस मामले के बारे में सदर तहसील सुभाष चंद्र प्रजापति से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कराकर दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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