यूपी: लोकसभा चुनावों से पहले तलाकशुदा महिलाओं का डाटा लेगी सरकार, इसलिए किया जाएगा प्रयोग
कानपुर। आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्र की मोदी सरकार ने वोट बैंक बनाने के लिए तीन तलाक के मुद्दे पर रणनीति बनाई है। पार्टी तलाकशुदा महिलाओं के जीवन को सफल बनाने के लिए एक मुहीम की शुरुआत करने वाली है। इस मुहीम की शुरुआत कानपुर से 13 नवंबर को होगी। इस मुहीम के तहत हर जिले की तलाकशुदा महिलाओं का डाटा लिया जाएगा। देश भर से डाटा इकट्ठा करने के बाद उसे केंद्र व राज्य सरकारों के पास भेजा जाएगा। इसके जरिए सरकार तलाकशुदा महिलाओं के लिए अच्छी योजना बनाने पर काम करेगी। इसी के साथ सरकार महिलाओं को उनके अधिकारों के लिए जागरूक बनाने का काम करेगी।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश मंत्री डॉ. नाजिया आलम को इस अभियान का प्रभारी बनाया गया है। वे महानगर से इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगी। पार्टी तीन-तलाक से पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता दिलाने का काम करेगी। सरकार ऐसी सभी महिलाओ का नाम, पता और मोबाइल नंबर इकट्ठा करेगी। इसके जरिए सरकारी योजनाओं और कानूनी जानकारिया आसानी पीड़ित महिलाओं को दी जा सकेगी। इन सबके अलावा महिलाओं की परेशानी को सुनने के लिए तलाकशुदा केंद्र भी बनाया जाएगा। पूरे प्रदेश में करीब 100 तलाकशुदा प्रमुख केंद्र बनाए जाएंगे।
इस मुहीम में तीन तलाक पीड़ित महिलाओं को हिंदी में लिखी गई धार्मिक किताब कुरान का वितरण किया जाएगा। इसका उद्देश्य यह है कि कुरान में महिलाओं के लिए क्या लिखा गया है उसे अन्य महिलाएं भी पढ़ सकें। कुरान वितरित करने के के पीछे सरकार की एक और मंशा है। हर कोई कुरान में लिखी गई बातों को तोड़ मरोड़कर पेश करता है। कुरान के वितरण के बाद इसपर रोक लग जाएगी।
नाजिया आलम ने कहा कि तलाकशुदा महिलाओं के अधिकारों को लेकर शुरू किए गए इस अभियान के बाद जगह-जगह महिलाओं के सम्मेलन भी किए जाएंगे। इसमें मौलाना व मौलवियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। उनके विचार सुने जाएंगे। तीन तलाक जैसी सामाजिक कुरीति को दूर करने के मामले में भी जागरुकता फैलाई जाएगी। कानपुर में 13 नवंबर को यशोदानगर स्थित मछरिया पार्क में करीब एक हजार तलाकशुदा महिलाओं की बैठक होगी। इसके अगले दिन बिल्हौर में भी इसी तरह का आयोजन होगा। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के दूसरे जनपदों में भी एक के बाद एक आयोजन किए जाएंगे।