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जहां श्रीकृष्ण ने उठाया था पर्वत वहां कैसे मनाई जा रही है गोवर्धन पूजा, जानिए

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मथुरा। दीपावली के बाद आज पूरे देश में गोवर्धन-पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इस पूजा का कृष्ण नगरी मथुरा के समीप स्थित गिरिराज-धाम 'गोवर्धन' में विशेष महत्त्व है। मान्यताओं के अनुसार यह वही स्थान है जहां भगवान कृष्ण ने गोवर्धन-पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर सभी ब्रजवासियों की रक्षा की थी। आज भी स्वयं गिरिराज गोवर्धन यहां विराजमान है। इसलिए इस दिन यहां गोवर्धन-पर्वत की विशेष अन्नकूट-पूजा होती है।

इस तरह की गई पूजा

इस तरह की गई पूजा

आज सुबह से ही यहां के मुख्य दानघाटी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है और सभी गिरिराज गोवर्धन के दर्शन कर अन्नकूट का विशेष प्रसाद पाने के लिए यहां पहुंचे हुए है। गिरिराज-धाम गोवर्धन में आज की गई गोवर्धन-पूजा में अन्नकूट-पूजा का विशेष महत्व है। इस पूजा में गौडीय सम्प्रदाय के अनुयायियों द्वारा गोवर्धन पर्वत की शिला का पंचामृत अभिषेक करने के बाद अन्नकूट का भोग लगाया जाता है। इस अन्नकूट में कढ़ी-चावल, मिक्स सब्जी और कच्ची रोटी का भोग शामिल होता है जिसे गिरिराज शिला पर चढ़ाने के बाद प्रसाद के तौर पर भक्तों में बांट दिया जाता है। इस अन्नकूट के विशेष प्रसाद को पाने के लिए यहां आये सभी भक्त बहुत लालियत रहते है। इस अन्नकूट पूजा से पहले सभी भक्त गिरिराज पर्वत की सात कोस की परिक्रमा करते है और फिर मानसी गंगा में स्नान करते है। गौडीय-सम्प्रदाय के अनुयायी इस दिन विशेष शोभायात्रा निकलते है और देश-विदेश से आए लाखों भक्त सिर पर कलश लिए गाते-बजाते सात कोस की परिक्रमा करते है।

यहीं श्रीकृष्ण ने किया था इंद्र का मान मर्दन

यहीं श्रीकृष्ण ने किया था इंद्र का मान मर्दन

मान्यताओं के अनुसार आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी ऊंगली पर धारण कर इन्द्र का मान मर्दन कर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। तब से लेकर आज तक पूरे ब्रज मंडल में गोवर्धन पूजा का उत्सब बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। मथुरा के गोवर्धन के दान घाटी मंदिर सहित सभी प्रमुख मंदिरों में आज गोवर्धन पूजा की गई। मथुरा के द्वारिकाधीश मंदिर में कृष्ण रुपी गोवर्धन बनाकर गोवर्धन पूजा का आयोजन किया गया जिसे देखने के लिए देश के कोने कोने से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। गोवर्धन पूजा पर मान्यताओं के अनुसार हर घर में अन्न कूट का प्रसाद तो लगाया जाता है ही साथ ही शाम में गाय के गोबर से गोवेर्धन भगवान का स्वरुप भी बना कर पूजा की जाती है। वैसे तो पूजा शाम के समय की जाती है लेकिन द्वारिकाधीश मंदिर में गोवर्धन पुजा सुबह ही करने की परंपरा रही है। इस पूजा को देखने के लिए पूरे देश भर से लोग यहां आते है और भगवान के दर्शन कर मन्रत मांगते है।

भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा

भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने लिया हिस्सा

अहमदाबाद से आई दो महिला श्रद्धालु मालिनी शाह और कोमल शाह ने बताया की हम लोग मथुरा पहली बार अपने परिवार के साथ आए है और यहां आकर बहुत ही आनन्द आया। द्वारिकाधीश में भगवान गोवर्धन पूजा का दर्शन करने का अवसर मिला है और हम लोगों ने यहां की गोवर्धन पूजा के दर्शन किये मन बहुत ही आनंदित हो गया। मंदिर में आकर शांति मिली अलौकिक लगा। यहां आकर बहुत ही अच्छा लगा।

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English summary
Govardhan Pooja celebration: Where Krishna Krishna lifted the mountain of Govardhan
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