लड़की को खरीदकर इतना रौंदा कि बांह पर गुदा नाम भी तेजाब डालकर मिटा दिया
किशोरी धान की पेराई का काम करती थी। पीड़िता ने बताया कि एक दिन जब वो पास के गांव जा रही थी तभी उसका ठेकेदार रास्ते में मिल गया, उसके साथ दो और युवक भी थे।
शाहजहांपुर। फिर एक रेप की घटना ने शाहजहांपुर को शर्मसार कर दिया है। जहां नाबालिग को तीन महीने तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया। यहां तक कि किशोरी को तीस हजार रुपए में बेच दिया गया। जिसके बाद उसको नैनीताल में एक घर में बंधक बनाकर गैंगरेप किया गया। दरिंदों के चंगुल से छूटने के बाद पीड़िता ने घर पहुंचकर घटना के बारे में बताया। वहीं पुलिस ने इस मामले में दो महीने बाद मुकदमा दर्ज किया। फिलहाल पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा है। घटना खुटार थाना क्षेत्र के एक गांव की है यहां की रहने वाली 16 साल की किशोरी 29 जून 2017 को घर के पास के एक गांव में गई थी। जानकारी के मुताबिक किशोरी धान की पेराई का काम करती थी। पीड़िता ने बताया कि एक दिन जब वो पास के गांव जा रही थी तभी उसका ठेकेदार रास्ते में मिल गया, उसके साथ दो और युवक भी थे।
ठेकेदार ने रौंदा, दोस्तों को रौंदने दिया
सबने उसे रास्ते में रोककर उसको जबरदस्ती नशीली चीज खिला दी, उसके बाद उसको गाड़ी में डालकर मोहम्मदी ले गए। जहां उसके ठेकेदार और दो युवकों ने मिलकर उसके साथ गैंगरेप किया। उसके बाद उसको तीस हजार रुपए में नैनीताल में रहने वाले दो युवकों के हाथ बेंच दिया। उसका कहना है कि उसके साथ गैंगरेप करने वाले खास समुदाय के लोग हैं। क्योंकि सभी लोग एक ही समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। कुछ दिन मोहम्मदी के एक घर में उसको बंधक बनाकर रखा गया। जब उसका सौदा किया गया तब उसको नैनीताल ले जाया गया।
फिर दूसरे को बेच दी लड़की
पीड़िता के मुताबिक नैनीताल में भी उसको घर में बंधक बनाकर रखा गया। वहां उसके साथ दो युवक रोज गैंगरेप करते थे। यहां तक कि उसके हाथ पर उसका नाम गुदा था। उसकी पहचान छुपाने के लिए उसके नाम को तेजाब डालकर उसकी पहचान छुपा दी गई और उसके हाथ पर आलिया नाम लिख दिया गया। बीते बुधवार की रात उसके साथ गैंगरेप किया गया। उसके बाद दोनों लोग सो गए, मौका पाते ही वो घर से भाग आई। यहां पहुंचकर वो अपने परिवार से मिली जिसके बाद थाने जाकर पुलिस को घटना के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने पीड़िता को मेडिकल के लिए भेज दिया है।
बूढ़े बाबा को धकेलती रही पुलिस
इस मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है क्योंकि 29 जून 2017 को उसका अपहरण हुआ था। पीड़िता के पिता की मौत हो चुकी है। उसके बाबा ने उसकी एक दिन थाने में तहरीर दी लेकिन पुलिस ने उनको थाने से भगा दिया था। जब किशोरी का कहीं पता नहीं चल सका तो पीड़िता के बाबा थाने के चक्कर काटने लगे लेकिन थाने से उसको लगातार दुत्कार कर भगा दिया जाता था। उसके बाद पीड़िता के बाबा ने आलाधिकारियों की शरण ली। जिसके दो महीने बाद 28 अगस्त को पुलिस ने तहरीर लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। लेकिन पीड़िता को ढूंढने की कोशिश नहीं की गई। फिलहाल जब पीड़िता दरिंदों की चंगुल से छूटकर आई, उसके बाद पुलिस ने उसको मेडिकल के लिए भेजा है।