VIDEO: काशी में उफान पर गंगा, नावों को रोक जारी किया गया हाई अलर्ट
अब चिताओं के अंतिम संस्कार घाट के ऊंचे चबूतरे पर किए जा रहे हैं। वो भी एक दो दिनों में पानी में डूब सकते हैं।
वाराणसी। मानसून की दस्तक ने गंगा घाटों से लेकर सड़कों तक हलचल बढ़ा दी है। गंगा के बढ़ते जल स्तर से घाटों का संपर्क भी टूट गया है। मणिकर्णिका महाश्मशान चबूतरे के आगे जहां शव जलता था। वहां गंगा इस वक्त पूरे उफान पर हैं। आलम ये हैं कि घाटों के किनारे छोटे मंदिर पूरी तरह से डूबने लगे है। जल स्तर देख प्रशासन ने गंगा में नाव के संचालन पर रोक लगा दी है। सिर्फ आवश्यक कार्यों के लिए मोटर बोट चलाए जा रहे हैं। तीव्रता की बाढ़ के बाद सावन महीने में वाराणसी में कावरियों की भीड़ को देखते हुए NDRF की टीम हमेशा गंगा और घाटों पर मौजूद रह रही है। तो वहीं घाटों के आपस में संपर्क टूट जाने के चलते यहां आने वाले सैलानियों को भारी दिक्क्तों का सामना करना पड़ रहा हैं।
घाटों का टूटा संपर्क
गंगा में लगातार पानी के बढ़ने का सिलसिला जारी है और इस कारण प्रशासन ने गंगा के किनारे अलर्ट जारी कर दिया हैं। वाराणसी के राजघाट से लेकर अस्सी घाट तक गंगा के घाटों में कही भी आने-जाने के लिए सैलानी इन्हीं घाटों का इस्तेमाल करते हैं जो बाढ़ के कारण पानी में डूब चुके हैं। यही नहीं घाटों के मंदिर में भी पानी पूरी तरह से डूब चुके हैं। काशी आने वाले सैलानियों को गंगा आरती देखने के लिए लगाया गया है। वहीं काशी में महाश्मशान पर आने वाली चिताओं के अंतिम संस्कार में आने वाले परिजनों को भी दिक्क़ते हो रही हैं। इसीलिए अब चिताओं के अंतिम संस्कार घाट के ऊंचे चबूतरे पर किए जा रहे हैं। वो भी एक दो दिनों में पानी में डूब सकते हैं।
काशी आने वाले कांवरियों को हो रही है दिक्क्त
सावन में शिव के जलाभिषेक के लिए पूरे भारत से कांवरियों का समूह काशी आता है और सभी गंगा स्नान के लिए और जल भरने के लिए भारी संख्या में यहां मौजूद रहते हैं। एक घाट से दूसरे घाट पर जाते हैं लेकिन अभी ये घाट पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं और कांवरिया जैसे-तैसे आ-जा पा रहे हैं। गंगा में बाढ़ की तीव्रता इसी तरह से जारी रही तो जल्द की पानी खतरे के निशान पर पहुंच जाएगा।
प्रशासन ने जारी किया हाई अलर्ट
गंगा और उसके आसपास के तटवर्ती इलाकों में बाढ़ के आने के बाद प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। यही नहीं वाराणसी के दशाश्वमेघ घाट पर बने जलपुलिस थाने के प्रभारी ने हमें बताया की हलाकि अभी गंगा के जल स्तर ने खतरे के नीशान को पार नहीं किया है लेकिन तेज बहाव के चलते हाथ से चलाए जाने वाले नावों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है। सिर्फ आवश्यक कार्यों के लिए ही बड़ी मोटर बोर्ट को चलाने दिया जा रहा है। इसके आलावा हर मुश्किलों से सामना करने के लिए सभी घाटों पर NDRF की टीम भ्रमण कर रही है तो प्रमुख घाटों पर एक टीम स्नान करने वालों पर नजर रखे हुए है। इसके आलावा पानी में बैरिकेटिंग भी किया गया ताकी कोई भी शख्स खतरे के निशान से आगे ना जा सके।
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