मुस्लिम वोट बटोरने निकले ' कांग्रेस' के नसीमुद्दीन सिद्दिकी, क्या लगा पाएंगे अतीक अहमद के वोट बैंक में सेंध
इलाहाबाद। बीते कुछ दशक के इतिहास पर अगर नजर डालें तो इलाहाबाद परिक्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की हर चुनावी रैली में नसीमुद्दीन सिद्दीकी नजर आया करते थे। वह बसपा के लिए मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण का सारा ताना-बाना रचा करते थे, लेकिन ऐसा पहली बार होगा जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी एक बार फिर इलाहाबाद आएंगे, एक बार फिर से चुनावी गहमागहमी होगी और जनसभाओं में वह अपने उसी मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण वाली गोट फेंकेगे, लेकिन इस बार वह बसपा के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस के लिए वोट मांगेंगे। दरअसल कल बसपा के दिग्गज नेता रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस में उनके आते ही उनका बुलावा फूलपुर लोकसभा में उपचुनाव के लिए हुआ है। फूलपुर चुनाव लड़ रहे कांग्रेस प्रत्याशी मनीष मिश्रा के लिए मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की जिम्मेदारी नसीमुद्दीन सिद्दीकी को दी जा रही है।
बिगड़ गई है गणित
दरअसल बाहुबली अतीक अहमद के उपचुनाव में उतर जाने के बाद मुस्लिम वोट एक तरफा अतीक अहमद की ओर भाग रहे हैं। इससे सपा तो पहले ही परेशान थी कांग्रेस के लिए दोगुनी मुसीबत खड़ी हो गई है। इन हालातों को संभालने के लिए मौजूदा समय में कांग्रेस के पास नसीमुद्दीन जैसा राजनीतिक मिल चुका है जो बहुत ना सही लेकिन मुस्लिम वोटों को जरूर अपने दम पर कांग्रेस में ले आ सकेगा। यह बात कांग्रेस के भी आलाकमान भी जानते हैं कि फूलपुर में जीत के लिए मुस्लिम वोटों का मिलना बहुत जरूरी है और तब जब ब्राम्हण कार्ड खेलकर कांग्रेस ने ब्राम्हण वोटरों को अपनी ओर लुभाने का प्रयास किया है। ऐसे में दलित, पिछड़ा व मुस्लिम वोट कांग्रेस में ले आना बहुत जरूरी है। चूंकि सिद्दीकी दलितों की पार्टी कहीं जाने वाली बसपा के एक बड़े नेता तो रह ही चुके हैं, उनकी पकड़ जमीनी स्तर पर है और अब जब बसपा उप चुनाव नहीं लड़ रही तो बसपा कार्यकर्ता को सिद्दीकी जरूर रिझा सकते हैं। ऐसे में कांग्रेस के लिए वह वोटों की संख्या को बढ़ाने में असरदार साबित होंगे।
फूलपुर में होंगी जनसभा
फिलहाल जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से हाईकमान को भेजे गए संदेश में यह कहा गया है कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी की जनसभा फूलपुर लोकसभा क्षेत्र में कराई जाए। खासकर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में यह जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। दरअसल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने क्रिकेटर मोहम्मद कैफ को यहां से टिकट दिया था। उस दरमियान मोहम्मद कैफ ने काफी मुस्लिम वोट बटोरे थे, लेकिन वह वोट मौजूदा समय में छिटकते नजर आ रहे हैं जिसे एकजुट रखने व मत में तब्दील करने के लिए नसीमुद्दीन सिद्दीकी को जिम्मेदारी दी जा रही है।
नसीमुद्दीन सिद्दीकी का फ्लैश बैक
बहुजन समाज पार्टी के दिग्गज नेता रहे और बसपा बास मायावती के खासमखास रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पिछले 10 मई को मायावती ने पैसे के लेनदेन में गड़बड़ी और लोकसभा चुनाव में हार का आरोप लगाकर पार्टी से बाहर कर दिया था जिसके बाद से सिद्दीकी नये ठौर की तलाश में लगे हुये थे। आज नसीमुद्दीन ने अपने समर्थकों संग कांग्रेस का दामन थाम लिया । सिद्दीकी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सियासी धुरी तय करने वाले नेता हैं और मुस्लिम वोटरों को एकत्रित करने के बडे खिलाड़ी हैं। बसपा में तीन दशक तक रीढ की हड्डी रहे सिद्दीकी अब लोकसभा उपचुनाव में अपने राजनैतिक कौशल का प्रदर्शन करते नजर आयेंगे।