पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को हाईकोर्ट ने दिया झटका, हटाई वाई श्रेणी की सुरक्षा
इलाहाबाद। जौनपुर के पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। धनंजय सिंह को केन्द्र सरकार से मिली ब्लैक कैट कमांडो वाली वाई श्रेणी की सुरक्षा हटा ली गई है। केंद्र सरकार के एडिशनल सालिसिटर जनरल शशिप्रकाश सिंह ने हाईकोर्ट को बताया कि कोर्ट के गंभीर रुख को देखते हुए और बाहुबली नेता की आपराधिक पृष्ठभूमि पर विचार कर उसे दी गई सुरक्षा वापस ले ली गई है।
याचिका पर कोर्ट ने की सुनवाई
पूर्व बाहुबली सांसद धनंजय सिंह को कई वर्षों से वाई श्रेणी की सुरक्षा नि:शुल्क मिली हुई थी। इसके विरुद्ध दाखिल याचिका में कहा गया था कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर हत्या के सात मामलों सहित कुल 24 मुकदमे चल रहे हैं। यचिका में यह भी कहा गया कि वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलने के बाद भी उनके खिलाफ चार आपराधिक मामले दर्ज हुए। ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति को ब्लैक कैट कमांडो वाली उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराना गलत है। याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डीबी भोसले व न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने प्रह्लाद गुप्ता बाहुबली नेता और पूर्व सांसद धनंजय सिंह को वाई श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराए जाने पर सवाल उठाते हुए केंद्र और राज्य सरकार से 25 मई तक इस संबंध में जानकारी मांगी थी।
सरकार ने हटाई सुरक्षा
इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एडिशनल सॉलीसिटर जनरल शशि प्रकाश सिंह उपस्थित हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि पूर्व सांसद धनंजय सिंह की बाहुबली व आपराधिक पृष्ठभूमि पर विचार करने के बाद सरकार ने उनकी वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली है। जबकि राज्य सरकार की ओर से उपस्थित हुए अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने कोर्ट को बताया कि धनंजय सिंह की जमानत निरस्त करने की कार्रवाई के लिए शासन ने एसएसपी जौनपुर को पत्र भेज दिया है।
पत्नी के कारण सुर्खियों में आए थे धनंजय सिंह
बता दें कि साल 2013 में धनंजय सिंह अपनी पत्नी डॉ. जागृति सिंह के कारण सुर्खियों में थे। जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की डेंटिस्ट पत्नी डॉ. जागृति सिंह ने दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर अपनी नौकरानी राखी की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। वहीं धनंजय सिंह को नौकरानी की हत्या के सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जुलाई 2017 में धनंजय ने तीसरी शादी कर ली थी।