मथुरा: भारतीय संस्कृति का मुरीद हुआ विदेशी जोड़ा, 3 बच्चों के मां-बाप ने रचाई दुबारा शादी
तीन बच्चों की मां मरीना और पिता ओलेग ने अपने बच्चों की मौजूदगी में दुबारा अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। भारतीय संस्कृति से इतना प्रभावित हो गया यह जोड़ा कि उससे रहा ही नहीं गया।
मथुरा। भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म के रीति रिवाजों से एक विदेशी दंपति इतना प्रभावित हुआ कि उन्होंने वृन्दावन में हिन्दू रीति रिवाज से दुबारा शादी कर ली। रूसी दंपति की इस अनोखी शादी में उनके तीनों बच्चे भी मौजूद रहे।
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भगवान श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन आकर मनमुग्ध हुआ विदेशी जोड़ा
भगवान श्रीकृष्ण की नगरी वृंदावन की तो बात ही निराली है। जो एक बार यहां आता है वो यहां का होकर रह जाता है। क्या भायतीय, क्या विदेशी ? सब पर यह नशा चढ़कर बोलता है। रूस के ट्यूमैन सिटी के रहने वाले ओलेग और मरीना पिछले पांच साल से लगातार वृंदावन आ रहे हैं। भारत आने पर उन्हें भारतीय संस्कृति से लगाव होने लगा। उन्होंने आगरा में हिन्दू रीति रिवाज से एक शादी होते देखी। जिसके बाद भारतीय संस्कृति से मन मुग्ध होने के बाद इस दंपति ने फिर शादी करने का फैसला लिया।
हिन्दू रीति रिवाज में दुबारा रचाई शादी
ओलेग ने वृंदावन जाकर अपने गुरुजी के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। गुरुजी ने हामी भर दी और आनन-फानन में ही दोनों ने शादी की तैयारी की। ओलेग के गुरु पद्म लोचन गोस्वामी ने वृंदावन के एक मन्दिर में दोनों की हिन्दू रीति रिवाज से शादी कराई। तीन बच्चों की मां मरीना और पिता ओलेग ने अपने बच्चों की मौजूदगी में अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।
बच्चों ने भी देखा मां-बाप का भारतीय प्रेम
इतना ही नहीं ओलेग ने मरीना की मांग में सिंदूर भरा और गले में मंगलसूत्र भी पहनाया। इस मौके पर ओलेग और मरीना और दोनों ही भारतीय दूल्हा दुलहन के परिधान में दिखे। वरमाला डालने से लेकर फेरों तक दोनों बेहद खुश नजर आए। शादी संपन्न होने के बाद जब उनसे बात की गई तो मरीना ने कहा कि उन्हें भारतीय संस्कृति पसंद आई इसीलिए दोनों ने दुबारा शादी की है।
अोलेग और मरीना आते रहेंगे वृंदावन
दूल्हा बने ओलेग ने कहा कि वो ऐसा करके बहुत खुश हैं। वृंदावन आकर उन्हें काफी अच्छा लगा है और वह यहां आते रहेंगे। वृंदावन निवासी पद्मलोचन गोस्वामी ने इस शादी के बारे में बताया कि ये भारतीय कल्चर का प्रभाव है। इस शादी में कन्यादान की रस्म निभाने वाली और पद्मलोचन गोस्वामी की पत्नी मनीषा गोस्वामी ने कहा कि ये आयोजन भारतीय संस्कृति के लिये गौरव की बात है ।
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