साइंस टीचर अनामिक शुक्ला की गिरफ्तारी से लेकर हाथरस कांड तक, यूपी के वो बड़े विवाद जो रहे सुर्खियों में
लखनऊ। साल 2020 खत्म होने वाला है, इसी के साथ उत्तर प्रदेश 2021 के इस्तकबाल को तैयार है। कोरोना वायरस महामारी वाले इस साल में तमाम ऐसी घटनाएं हुईं, जिसने देशभर का ध्यान उत्तर प्रदेश की ओर खींचा। कानपुर जिले में विकास दुबे गैंग द्वारा सीओ समेत आठ पुलिस की हत्या और फिर विकास दुबे की मुठभेड़ में हुई मौत। हाथरस जिले में कथित गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई। बलिया जिले में कोटे की दुकान चयन को लेकर हुई खुली बैठक में दुर्जनपुर के 46 वर्षीय जयप्रकाश उर्फ गामा पाल को ताबड़तोड़ चार गोलियां मार दी गईं। अलीगढ़ जिले में इगलास से भाजपा विधायक राजकुमार सहयोगी ने बुधवार को अलीगढ़ के गोंडा एसओ और दो दरोगाओं पर मारपीट कर कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया था। इस मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था। आइए जानते हैं यूपी की वो बड़े विवाद जो 2020 में सुर्खियों में रहे।
विकास
दुबे
को
पकड़ने
में
गई
थी
सीओ
देवेंद्र
मिश्रा
समेत
आठ
पुलिसवालों
की
जान
कानपुर
जिले
के
बिकरू
गांव
में
2
जुलाई
की
रात
एक
ऐसी
घटना
हुई
थी
जिसने
अपराधियों
से
निपटने
की
यूपी
पुलिस
की
तैयारी
और
तरीके
पर
बड़ा
सवाल
खड़ा
कर
दिया
था।
दरअसल,
चौबेपुर
थाना
क्षेत्र
के
बिकरू
गांव
विकास
दुबे
को
पकड़ने
के
लिए
पुलिस
की
टीम
बिना
बुलेटप्रूफ
जैकेट
या
किसी
विशेष
तैयारी
के
चली
गई
जिसका
अंजाम
यह
हुआ
कि
बिल्हौर
सीओ
देवेंद्र
मिश्रा
समेत
8
पुलिसकर्मियों
की
हत्या
हो
गई
और
विकास
दुबे
वहां
से
फरार
भी
हो
गया
था।
विकास
दुबे
के
फरार
होने
के
बाद
यूपी
पुलिस
ने
उसके
सिर
पर
पांच
लाख
रुपए
का
इनाम
भी
घोषित
किया
था।
साथ
ही
कई
पुलिस
कर्मियों
को
निलंबित
भी
किया
गया
था।
तो
वहीं,
पुलिस
ने
विकास
दुबे
गैंग
के
कई
सदस्यों
को
एनकाउंटर
में
ढेर
कर
दिया
था
तो
कईयों
को
पकड़
लिया
था।
महाकाल
मंदिर
से
हुई
गिरफ्तारी,
कानपुर
ले
जाते
समय
हुआ
एनकाउंटर
9
जुलाई
को
मध्य
प्रदेश
के
उज्जैन
जिले
में
स्थित
महाकालेश्वर
मंदिर
से
दुर्दांत
विकास
दुबे
को
पुलिस
ने
गिरफ्तार
कर
लिया
था।
गिरफ्तारी
से
पहले
विकास
दुबे
मंदिर
परिसर
में
पहुंचा
और
चिल्लाने
लगा
कि,
'मैं
विकास
दुबे
हूं
कानपुर
वाला...।'
इस
दौरान
स्थीन
मीडिया
भी
पहुंच
गई।
हालांकि,
10
जुलाई
को
विकास
दुबे
को
कानपुर
ले
जाते
समय
एसटीएफ
के
काफिल
की
गाड़ी
दुर्घटनाग्रस्त
हो
गई
थी,
जिसमें
विकास
दुबे
भी
था।
इस
दौरान
विकास
दुबे
ने
एसटीएफ
के
पुलिसकर्मियों
की
पिस्टल
छीन
कर
भागने
की
कोशिश
की।
इतना
ही
नहीं,
विकास
दुबे
ने
पुलिस
पर
फायरिंग
भी
कर
दी।
जवाबी
फायरिंग
में
विकास
दुबे
के
सिर
में
लगी
और
वो
मुठभेड़
के
दौरान
ढ़ेर
हो
गया
था।
हाथरस:
19
वर्षीय
दलित
के
साथ
कथित
गैगरेप..फिर
हत्या
हाथरस
के
चंदपा
थाना
क्षेत्र
के
एक
गांव
में
14
सितंबर
को
19
वर्षीय
दलित
युवती
के
साथ
कथित
रूप
से
गैंगरेप
किया
गया।
इसके
बाद
उसके
साथ
मारपीट
की
गई।
पीड़िता
को
इलाज
के
लिए
पहले
जिला
अस्पताल,
फिर
अलीगढ़
के
जेएन
मेडिकल
कॉलेज
में
भर्ती
कराया
गया।
हालत
गंभीर
होने
पर
उसे
दिल्ली
के
सफदरजंग
अस्पताल
रेफर
किया
गया।
इलाज
के
दौरान
29
सितंबर
को
पीड़िता
ने
दम
तोड़
दिया
था।
परिजनों
ने
गांव
के
ही
चार
युवकों
पर
आरोप
लगाया
था।
फिल्हाल
चारों
आरोपी
अलीगढ़
जेल
में
बंद
हैं।
तो
वहीं,
पीड़िता
की
मौत
के
बाद
पुलिस
ने
बिना
किसी
रीति
रिवाज
के
शव
का
अंतिम
संस्कार
करवा
दिया
था।
इस
दौरान
पीड़िता
की
मां
पुलिस
के
आगे
बिलखती
रही
और
गिड़गिड़ाती
रही
कि
वो
बेटी
को
अपनी
देहरी
से
हल्दी
लगाकार
विदा
करेगी।
बता
दें
कि
इस
मामले
राजनीति
भी
काफी
गरमा
गई
थी,
जिसके
बाद
मामले
की
जांच
सीबीआई
को
सौंपी
गई।
बलिया:
दुर्जनपुर
गोली
कांड
बलिया
के
दुर्जनपुर
गांव
में
15
अक्टूबर
को
कोटे
की
दुकान
के
आवंटन
के
लिए
खुली
बैठक
आयोजित
की
गई
थी।
बैठक
में
एसडीएम
बैरिया
सुरेश
पाल,
सीओ
बैरिया
चंद्रकेश
सिंह,
बीडीओ
बैरिया
गजेन्द्र
प्रताप
सिंह
के
साथ
ही
रेवती
थाने
की
पुलिस
फोर्स
मौजूद
थी।
दुकानों
के
लिए
चार
स्वयं
सहायता
समूहों
ने
आवेदन
किया
था।
दुर्जनपुर
की
दुकान
के
लिए
आम
सहमति
नहीं
बन
सकी।
ऐसे
में
दो
समूहों
मां
सायर
जगदंबा
स्वयं
सहायता
समूह
और
शिव
शक्ति
स्वयं
सहायता
समूह
के
बीच
मतदान
कराने
का
निर्णय
लिया
गया।
इसी
बीच
दोनों
पक्षों
में
वाद-विवाद
शुरू
हुआ।
लाठी-डंडे
और
ईंट-पत्थर
चलने
लगा।
तो
वहीं,
एक
पक्ष
की
ओर
से
फायरिंग
शुरू
हो
गई।
दुर्जनपुर
के
46
वर्षीय
जयप्रकाश
उर्फ
गामा
पाल
को
ताबड़तोड़
चार
गोलियां
मार
दी
गईं।
घायल
जयप्रकाश
को
अस्पताल
ले
जाया
गया,
लेकिन
डॉक्टरों
ने
उसे
मृत
घोषित
कर
दिया।
इस
मामले
में
एसटीएफ
ने
18
अक्टूबर
को
मुख्य
आरोपी
धीरेंद्र
सिंह
को
लखनऊ
से
गिरफ्तार
किया
था।
19
अक्टूबर
को
सीजेएम
कोर्ट
में
धीरेंद्र
सिंह
को
पेश
किया
गया
था,
जहां
से
उसे
14
दिन
की
न्यायिक
हिरासत
में
जेल
भेजा
गया।
मामले
में
5
नामजद
सहित
10
आरोपी
अभी
गिरफ्तार
किए
जा
चुके
हैं।
अलीगढ़:
भाजपा
विधायक
ने
मारा
थप्पड़,
फाड़ी
वर्दी
इगलास
से
भाजपा
विधायक
राजकुमार
सहयोगी
ने
12
अगस्त,
2020
को
अलीगढ़
के
गोंडा
एसओ
और
दो
दरोगाओं
पर
मारपीट
कर
कपड़े
फाड़ने
का
आरोप
लगाया
था।
इस
मामले
ने
तूल
पकड़ा
और
प्रदेश
के
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
संज्ञान
लेते
हुए
गोंडा
एसओ
को
निलंबित
करने
और
एसपी
देहात
का
तबादला
करने
का
आदेश
दिया
था।
तो
वहीं,
विधायक
राजकुमार
सहयोगी
ने
भी
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
को
त्वरित
कार्रवाई
के
लिए
धन्यवाद
दिया
था।
हालांकि,
निलंबित
एसओ
अनुज
कुमार
सैनी
ने
कहा
कि
इस
पूरे
मामले
एक
षड्यंत्र
करार
दिया
था।
कहा
था
कि
विधायक
कई
गाड़ियों
से
अचानक
हूटर
बचाते
हुए
थाने
में
आए।
उनके
साथ
ज्यादा
लोग
थे।
कोरोना
महामारी
के
चलते
सामाजिक
दूरी
का
ध्यान
रखने
हुए
सभी
लोगों
को
कार्यालय
के
बाहर
बैठने
का
कहा
गया
था।
इस
पर
विधायक
ने
थाने
पर
काम
कर
रहे
एक
बुजुर्ग
चौकीदार
को
गालियां
देने
लगे।
चौकीदार
को
गाली
देते
देख
विधायक
को
टोका।
उनसे
चौकीदार
की
उम्र
का
लिहाज
करने
को
कहा।
इस
पर
विधायक
ने
उन्हें
गाली
दे
दी।
इससे
पहले
की
वह
कुछ
समझ
पाते
विधायक
ने
थप्पड़
मारते
हुए
वर्दी
खींच
ली
और
नेम
प्लेट
तोड़
दी।
अचानक
हुए
इस
घटनाक्रम
से
वह
हैरानी
में
आ
गए।
तत्काल
उच्चाधिकारियों
की
मामले
की
पूरी
जानकारी
दी
गई
थी।
25
स्कूलों
में
एक
साथ
ड्यूटी
कर
रही
थी
अनामिक
शुक्ला
साइंस
की
टीचर
अनामिका
शुक्ला
का
नाम
भी
इस
साल
खासा
चर्चाओं
में
रहा
था।
इसकी
वजह
यह
थी
कि
वो
एक
नहीं,
बल्कि
25
स्कूलों
में
एक
साथ
ड्यूटी
कर
रही
थी।
यही
नहीं,
वो
13
महीने
की
करीब
1
करोड़
की
तनख्वाह
भी
ले
चुकी
थी।
साइंस
टीचर
के
इस
कारनामे
से
हर
कोई
हैरान
और
परेशान
था।
वहीं,
ऐसा
मामला
सामने
आने
के
बाद
उत्तर
प्रदेश
सरकार
ने
इस
मामले
में
उच्च-स्तरीय
जांच
के
आदेश
दिए
थे।
जिसके
बाद
कासगंज
जिले
में
भी
अनामिका
शुक्ला
नाम
की
शिक्षिका
की
तलाश
शुरू
की
गई।
इस
दौरान
कई
शिक्षिका
पाई
गई,
लेकिन
वो
सभी
फर्जी
निकली।
कासगंज
जिले
के
कस्तूरबा
विद्यालय
में
अनामिक
शुक्ला
नाम
की
शिक्षिका
पाई
गई
थी।
बीएसए
(बेसिक
शिक्षा
अधिकारी)
ने
शिक्षिका
के
वेतन
आहरण
पर
रोक
लगाते
हुए
नोटिस
जारी
किया
और
व्हाट्सएप
पर
भेजा
गया
था।
जिसके
बाद
वो
अपना
इस्तीफा
देने
बीएसए
दफ्तर
के
बाहर
पहुंची।
अपने
साथ
आए
एक
युवक
के
माध्यम
से
उसने
इस्तीफा
की
प्रति
बीएसए
को
भेजी।
जब
युवक
से
शिक्षिका
के
बारे
में
पूछताछ
की
तो
उसने
बताया
कि
अनामिका
शुक्ला
बाहर
सड़क
पर
खड़ी
हैं।
इस
पर
बीएसए
अंजली
अग्रवाल
ने
सोरों
पुलिस
को
मामले
की
जानकारी
दी
और
कार्यालय
के
स्टाफ
के
माध्यम
से
घेराबंदी
कर
ली।
पुलिस
ने
तुरंत
आकर
शिक्षिका
को
गिरफ्तार
कर
लिया
और
सोरों
कोतवाली
ले
आई
थी।