500 क्विंटल आम की लकड़ी जलाकर 'वायु प्रदूषण मुक्ति' महायज्ञ, कहा धुआं बनेगा ऑक्सीजन
मेरठ। मेरठ में वायु प्रदूषण मुक्ति के लिए एक अनोखी पहल की जा रही है। अयुतचंडी महायज्ञ समिति की ओर से मेरठ के भैंसाली ग्राउंड में पहली बार एक विशाल महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। दावा है कि यह यज्ञ उत्तर भारत में अब तक का सबसे बड़ा यज्ञ होने जा रहा है जो कि एक करोड़ आहुतियों से संपन्न होगा। 17 मार्च से 26 मार्च तक यानी पूरे 9 दिन तक चलने वाले इस महायज्ञ में 11,11,111 आहुतियां प्रति दिन दी जाएंगी और इस यज्ञ में हिस्सा लेने काशी 300 ब्राह्मण बुलाये गए हैं।
महायज्ञ में 108 हवन कुंड
इस यज्ञ को पूरे एक करोड़ आहुति देकर पूर्ण किया जायेगा। इसमें 108 हवन कुंड भी बनाये हैं (जहां अग्नि जलाया जाता है) हवन सामग्री में आम की लकड़ी, तिल , जौ, शक्कर आदि है जिसे 108 हवन कुंड में स्वाहा किया जायेगा। इस महायज्ञ में 500 क्विंटल आम की लकड़ी जलाकर हवन कराया जाएगा।
'यज्ञ से शुद्धि प्रदूषण से मुक्ति'
'यज्ञ से शुद्धि प्रदूषण से मुक्ति' का स्लोगन देते हुए इस अनोखे विशाल यज्ञ के आयोजकों का कहना है कि महायज्ञ का उद्देश्य है कि आज की युवा पीढ़ी धर्म को समझे और धर्म के मार्ग पर चले, ऐसा करने से युवाओं के जीवन में कठिनाई नहीं आएंगी और अगर आती भी हैं तो इससे पार पाने में युवा सक्षम भी होंगे। सफलता की ओर बढ़ेंगे और गलत कार्य करने से बचेंगे। चरित्र का अभाव नहीं रहेगा और देश प्रगति की ओर बढ़ेगा। इसी सोच के साथ यज्ञ किया जा रहा है।
धुआं वायु प्रदूषण बढ़ाएगा या घटाएगा?
सवाल ये है कि इतने बड़े स्तर पर किये जा रहे इस यज्ञ से निकलने वाला धुआं वायु प्रदूषण को बढ़ाएगा जिससे वातावरण और ज़्यादा खराब हो सकता है। इसका जवाब देते हुए आयोजकों ने कहा है कि महायज्ञ के दौरान जो गैस या यूँ कहें कि धुआं निकलेगा वो वायुमण्डल में जाकर ऑक्सीजन में बदल जाएगा, इससे हरियाली बढ़ेगी, समय पर बारिश होगी और प्रदूषण से परेशान तमाम जीव-जंतु सभी को राहत मिलेगी। उन्होंने दावा किया कि आम की लकड़ी पर गाय का शुद्ध देसी घी और यज्ञ सामग्री के मंत्रोच्चार किया जायेगा और जो गैस निकलेगी वो वायुमंडल में जाकर ऑक्सीजन बन जाएगी।
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