यूपी: एनटीपीसी प्लांट में लगी भीषण आग, सीआईएसएफ के जवानों ने दिया बहादुरी का परिचय, देखें वीडियो
रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित थर्मल पावर स्टेशन (एनटीपीसी) में भीषण हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले वर्ष एनटीपीसी में बॉयलर फटने से करीब 50 से अधिक लोगों की मौत को अभी सही से लोग भूल भी नहीं पाए थे कि बुधवार सुबह को एनटीपीसी की यूनिट नंबर चार में भीषण आग लग जाने से हड़कंप मच गया। एनटीपीसी प्रशासन सीआईएसएफ और स्थानीय पुलिस प्रशासन की सूझबूझ से आनन-फानन में फायर उपकरणों द्वारा आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया, लेकिन उपकरण से आग बुझाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके चलते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। इस घटना में जानमाल की कोई हानि नहीं हुई है, साथ ही वक्त रहते आग पर काबू पा लिया गया है।
पूरा मामला जिले के उंचाहार स्थित एनटीपीसी का है जहां आग लगते ही धुआं फैलने लगा तो उसे देखकर कर्मचारी भागने लगे। इस दौरान जो स्टाफ अंदर कंपनी में मौजूद थे वे भी अपनी जान बचाकर एनटीपीसी पॉवर प्लांट से बाहर आ गए। कर्मचारियों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे ऊंचाहार सीओ विनीत सिंह दमकल कर्मियों के साथ आग बुझाने में जुटे रहे। दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास किया गया। फिलहाल, आग लगने के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। आग बुझाने में सीआईएसएफ का सबसे बड़ा योगदान रहा है, क्योंकि उनकी पूरी टीम ने एसटीपीसी में कर्मचारियो को बचाने से लेकर आग बुझाने तक सहयोग किया और अपनी डियूटी बखूबी निभाते दिखे।
आग लगने की सूचना पाकर एंटीपीसी प्रसासन मौके पे पहुंचा और तत्काल दमकल को बुलवाकर यूनिट में लगी आग को बुझवाया लेकिन तब तक लाखो की लागत के केबल जल चुके थे। आग इतनी खतरनाक तरीके से लगी थी कि इलाके में धुंध छा गया। इसी तरह की लापरवाही के चलते पिछले साल नवंबर में इसी यूनिट में एक हादसा हुआ था। पिछले साल हुए हादसे में लगभग 50 से ज्यादा मजदूरों कि मौत हो गई थी। वहीं जब मीडिया ने अंदर जाना चाहा तो एंटीपीसी प्रशासन ने मीडिया को अंदर जाने से मना कर दिया।
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