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बस्‍ती- ग्राम प्रधान पर जानलेवा हमले को हादसे में तब्‍दील करती यूपी पुलिस

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लखनऊ। ''सुरक्षा आपकी संकल्‍प हमारा'' का उद्देश्‍य लेकर तत्‍पर होने का दावा करने वाली यूपी पुलिस सुरक्षा में तो नाकाम होती ही रही है अब संकल्‍प से भी मुंह मोड़ने लगी है। ताजा मामला जिला बस्‍ती में सामने आया है जहां पुलिस ने हत्‍या के प्रयास जैसे गंभीर धारा (धारा 307) को गैरइरादन हत्‍या की धारा (धारा 308) में दर्ज कर लिया। मामला कोई आम नहीं बल्‍कि बस्‍ती जिले के शबदेईयां कला ग्राम सभा के प्रधान पर जानलेवा हमले का है। आगे की बात बताने से पहले आपको बता दें कि प्रधान का नाम विपुल पांडेय (25 साल) है और वो लखनऊ के सहारा हॉस्‍पिटल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं।

बस्‍ती- ग्राम प्रधान पर जानलेवा हमले को हादसे में तब्‍दील करती यूपी पुलिस

क्‍या है पूरा मामला

विपुल पांडेय बीते 9 दिसंबर को शाम करीब 7 बजे अपने मकान से गांव के ही एक अन्य व्यक्ति की मोटरसाइकिल लेकर निकले थे। जिसके बाद वो गांव के ही जिगना चौराहा पर अपने चचेरे भाई से मिले। थोड़ी देर की मुलाकात के बाद विपुल वापस घर के लिए निकले लेकिन घर नहीं पहुंचे। रात करीब 2 बजे गांव के ही एक व्‍यक्ति ने फोन पर उनके परिजनों को सूचना दी कि विपुल लगभग मृत अवस्‍था में जिला अस्पताल लाए गए हैं। उसके सिर पर गहरी चोट लगी थी। इतना ही नहीं उनके पास पड़े कैश भी लापता थे। सूचना मिलते ही विपुल के घरवाले अस्‍पताल पहुंचे जहां डॉक्‍टरों ने बताया कि उनका बच पाना मुश्‍किल हैं, फौरन उन्‍हें बेहतर इलाज के लिए लखनऊ ले जाना पड़ेगा। विपुल के सिर पर गहरी चोट थी जो उस वक्‍त सड़क हादसे के चलते बताया गया।

वो हादसा नहीं बल्‍कि जानलेवा हमला था

परिजनों के मुताबिक विपुल को लेकर फौरन लखनऊ ले जाया गया। लखनऊ में उन्‍हें सहारा अस्‍पताल में भर्ती कराया गया। पहले तो डॉक्‍टरों ने विपुल को लगभग मृत घोषित कर दिया लेकिन प्रारंभिक इलाज के दौरान विपुल की चलती सांसों को देखकर डॉक्‍टरों ने उन्‍हें ICU में एडमिट किया। शुरुआती जांच में डॉक्‍टर दंग रह गए और उन्‍होंने इसे सीधे-सीधे हमला बताया। डॉक्‍टरों के मुताबिक विपुल के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया था।

क्‍या कहना है परिजनों का

विपुल के बड़े भाई हनुमान पांडे ने बातचीत में बताया कि विपुल के शरीर पर सिर के चोट के अलावा एक खरोंच तक की निशान नहीं है। बतौर हनुमान उनके भाई को अगवा कर पुरानी रंजिश के चलतेधारदार हथियार से जानलेवा हमला किया गया है। विपुल ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद विपुल को मरा हुआ जान कर उसे हाईवे किनार फेंक दिया गया। हनुमान ने बताया कि घटना के बाद विपुल के मोबाइल को पेशेवर अंदाज में फॉर्मेट कर दिया गया था ताकि घटना से संबधित किसी भी प्रकार के साक्ष्य न मिले।

फिर शुरू हुआ पुलिस का खेल

परिजनों ने शुरू में पुलिस को मौखिक सूचना दी थी क्‍योंकि उस वक्‍त सभी लोग लखनऊ आ चुके थे। पुलिस ने भी उस वक्‍त इसे हादसा नहीं बल्‍कि एक सोची समझी साजिश करार दिया था। लेकिन थोड़े ही अंतराल के बाद पुलिस इसे सड़क हादसा बातने पर आ गई। परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों की मदद का गंभीर आरोप लगाया है। विपुल के भाई हनुमान के मुताबिक पुलिस हमलावरों को बचाने की कोशिश कर रही है और मामले को हादसा दिखाने के लिए कानूनी धाराओं में उलट-फेर कर रही है।

बेटे के गुनहगारों को पकडि़ए डीजीपी साहब

आपको बता दें कि विपुल पांडे को ग्राम प्रधान चुनाव में गांव के लोगों के एकतरफ मत से चुना था। विपुल अपने ब्‍लॉक के अबतक के सबसे युवा ग्राम प्रधान हैं। विपुल की मां का रो-रो कर बुरा हाल है और वो यूपी पुलिस चीफ से सिर्फ न्‍याय की गुहार कर रही है। उनका कहना है कि उनके बेटे को जान से मारने की कोशिश की गई जबकि उसका गांव में किसी से कोई बैर नहीं है। वहीं गांव के लोग भी विपुल पर इस हमले से खासा नाराज है और पुलिस सिस्‍टम पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि मामले की तह तक जांच होनी चाहिए ताकि हमलावर जल्‍द से जल्‍द सलाखों के पीछे हों।

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English summary
Uttar Pradesh: Fatal attack on Village head in Basti, Police role under scanner.
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