भारी बारिश से UP के किसानों को हुआ नुकसान, प्रियंका-अखिलेश ने कहा- दिया जाए उचित मुआवजा
लखनऊ, 18 सितंबर: मूसलाधार बारिश का कहर उत्तर प्रदेश में देखने को मिला है। तो वहीं, 30 से अधिक लोगों की मौत बारिश की वजह से हो चुकी है। इस बीच यूपी के पूर्व सीएम व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश की योगी सरकार से किसानों के नुकसान का आंकलन कर उनको उचित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
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किसानों
को
दिया
जाए
उचित
मुआवजा:
प्रियंका
गांधी
कांग्रेस
महासचिव
व
यूपी
प्रभारी
प्रियंका
गांधी
ने
17
सितंबर
को
इस
संबंध
में
ट्वीट
किया।
प्रियंका
गांधी
ने
लिखा,
'उप्र
में
मूसलाधार
बारिश
के
चलते
कई
जगहों
पर
किसानों
की
फसल
को
भारी
नुकसान
हुआ
है।
मंदी
और
महंगाई
की
मार
झेल
रहे
किसानों
पर
एक
और
विपदा
टूट
पड़ी
है।
मैं
उप्र
सरकार
से
निवेदन
करती
हूं
कि
किसानों
के
नुकसान
का
आंकलन
कर
उनको
उचित
मुआवजा
दिया
जाए।'
संवेदनहीन
बनी
हुई
भाजपा
सरकार:
अखिलेश
यादव
यूपी
के
पूर्व
सीएम
व
सपा
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
ने
कहा
कि
उत्तर
प्रदेश
में
अतिवृष्टि
से
जन-धन
की
व्यापक
क्षति
हुई
है।
हजारों
एकड़
क्षेत्र
जलमग्न
हो
गए
है।
किसानों
की
खड़ी
फसल
डूब
गई
है।
धान,
गन्ना,
मक्का,
केला,
उड़द,
बाजरा
आदि
फसलों
को
भारी
पहुंचा
है।
भाजपा
सरकार
किसानों
की
पीड़ा
और
नागरिकों
की
व्यथा
से
संवेदनहीन
बनी
हुई
है।
इतना
ही
नहीं,
अखिलेश
ने
कहा
कि
भाजपा
अपनी
किसान
विरोधी
नीतियों
के
चलते
किसानों
की
उपेक्षा
और
पूंजीघरानों
का
पोषण
करती
आई
है।
उसके
सत्ता
में
आने
के
बाद
से
ही
उसकी
दशा
बिगड़ती
गई
है।
किसानों
से
किए
वायदे
नहीं
किए
पूरे:
अखिलेश
यादव
खेती
के
काम
आने
वाली
हर
चीज
मंहगी
हो
गई
है।
किसानों
को
धोखा
देते
हुए
भाजपा
सरकार
कभी
आय
दुगनी
करने
की
बात
करती
है
तो
कभी
एमएसपी
का
भरोसा
दिलाती
है।
भाजपा
ने
अपने
संकल्प
पत्र
में
किसानों
के
लिए
जो
वायदे
किए
उनमें
से
एक
को
भी
पूरा
नहीं
किया
है।
किसान
को
राहत
देने
में
भाजपा
को
कोई
रूचि
नहीं
है।
पेट्रोल-डीजल,
बिजली,
खाद
बीज,
कीटनाशक
इन
सबके
दाम
आसमान
छू
रहे
हैं।
धान
की
खेती
की
लागत
40
प्रतिशत
बढ़
गई
है।
इन
सब
परेशानियों
से
जूझ
रहे
किसान
पर
अब
अतिवृष्टि
की
मार
पड़ी
है।
वह
आत्महत्या
न
करे
तो
क्या
करे?
ये भी पढ़ें:- मूसलाधार बारिश ने उत्तर प्रदेश में ढाया कहर, अलग-अलग हादसों में 30 लोगों की हुई मौत
चेतावनी
के
बाद
भी
नहीं
दिया
ध्यान
यादव
ने
कहा
कि
अतिवृष्टि
से
प्रभावित
क्षेत्रों
में
राहत
की
दिशा
में
भाजपा
सरकार
का
कोई
कदम
न
उठाना
चिंता
का
विषय
है।
किसान
के
मवेशी
भी
इस
संकट
में
फंसे
है।
बरसात
के
साथ
बीमारियों
के
दौर
भी
शुरू
हो
जाते
है।
वर्षा
से
जलमग्न
इलाकों
में
पानी
निकालने
का
भी
प्रबन्ध
नहीं
हो
पा
रहा
है।
भाजपा
सरकार
ने
बरसात
से
पहले
की
चेतावनी
पर
ध्यान
दिया
होता
तो
जनता
परेशानी
में
नहीं
पड़ती।
किसान
की
फसल
का
नुकसान
नहीं
होता।
अब
भाजपा
सरकार
को
तुरन्त
राहत
कार्य
शुरू
करना
चाहिए।
जिन
किसानों
की
फसल
का
नुकसान
हुआ
है
उनको
आपदा
फसल
बीमा
के
अन्तर्गत
मदद
दी
जानी
चाहिए।
कृषि
दुर्घटना
बीमा
योजना
में
प्रीमियम
का
कितना
भुगतान
किया
जा
रहा
है
यह
सरकार
स्पष्ट
करे।