रावण का पुतला लगाने पर पथराव करने वाले समूह से पलायन को मजबूर परिवार
कुछ लोगों ने इसे नई परंपरा बता दिया था। इसी बात पर विवाद हुआ और पुलिस की मौजूदगी में एक वर्ग के लोगों पर पथराव किया गया था। उस दौरान घटना से अफरातफरी मच गई थी।
संभल। रावण दहन के दौरान संभल की उप नगरी सरायतरीन में 30 सितंबर को जो बवाल हुआ था उसमें अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस के प्रति लोगों में आक्रोश है। इसकी वजह ये है कि आरोपी पक्ष समझौते का दबाव बना रहा है। पीड़ितों को डराया और धमकाया जा रहा है। पुलिस ने जब पीड़ितों की सुनवाई नहीं की तो कुछ लोगों ने पलायन का मन बना लिया और अपने घरों के बाहर मकान बिकाऊ है का पोस्टर लगा दिया। सरायतरीन में 30 सितंबर को रावण दहन चल रहा था। कुछ लोगों ने इसे नई परंपरा बता दिया था। इसी बात पर विवाद हुआ और पुलिस की मौजूदगी में एक वर्ग के लोगों पर पथराव किया गया था। उस दौरान घटना से अफरातफरी मच गई थी। मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे थे।
घर-मकान बेचने के लिए लगाए पोस्टर
घटना की रिपोर्ट हयातनगर थाने में दर्ज कराई गई है पर अभी तक आरोरियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। पीड़ित पक्ष का कहना है कि राजनीतिक नेताओं के माध्यम से उल्टे उन पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। जिससे वो लोग आहत हैं और अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो वो पलायन कर जाएंगे। पलायन की तैयारी में ही घर-मकान बेचने के लिए उन्होंने पोस्टर लगाए हैं।
रिपोर्ट में ये लोग हैं नामजद
पथराव में सचिन, मोनू दो शख्स घायल हुए थे। पुलिस ने सचिन की तहरीर पर अजीम, जरीफ, नईम, रमजानी, हबीब, हाजी मुन्ना, जाकिर, अनस अली, सूखा, बाली, बब्बन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। बयान के मुताबिक दशहरा पर्व पर हमारे मोहल्ले के बच्चों ने रावण का पुतला बनाया था। इसका विरोध करते हुए भीड़ ने पथराव किया। मेरे भतीजे को भी पत्थरों से घायल कर दिया। हमने पुलिस को सूचना दी। रिपोर्ट भी दर्ज हुई लेकिन आरोपी खुलेआम में घूम रहे हैं। हमें धमकी देकर फैसले का दबाब बना रहे हैं। प्रशासन हमें सुरक्षा नहीं दे रहा है। इसीलिए हम मकान बेचकर पलायन करने की तैयारी कर रहे हैं। हमने मकान बेचने के लिए पोस्टर लगा दिए हैं।
राकेश वर्मा, सरायतरीन
पलायन करने का कारण है कि पुलिस हमारी सुनवाई नहीं कर रही है। कई बार शिकायत के बाद भी सुरक्षा नहीं मिल सकी है। पथराव के बाद से हम लोग डरे हुए हैं। हम पर फैसले के लिए लगातार दबाब बनाया जा रहा है। इसीलिए हम मकान बेचकर जाने को मजबूर हैं।
शाकुल गुप्ता, सरायतरीन
हम अपना दशहरे का पर्व मना रहे थे। कुछ लोगों ने नई परंपरा बताते हुए हमारे ऊपर पथराव किया। मेरे भी गंभीर चोटें आईं। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम लोग अत्याचारों से परेशान हो चुके हैं। अब हमारे ऊपर जबरन फैसले के लिए दबाब बनाया जा रहा है। हमें धमकियां दी जा रही हैं।
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