उन्नाव रेप केस: गवाह की कब्र खोदने गई पुलिस को परिवार ने रोका, कहा कुरान में मनाही
उन्नाव। उन्नाव रेप केस में सीबीआई के मुख्य गवाह यूनुस की मौत के बाद शव को आनन-फानन में दफनाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके पीछे साजिश की आशंका जताई थी। जिसके बाद शनिवार को यूनुस के शव बाहर निकले पहुंची पुलिस और प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी है।
गवाह की हुई थी मौत
बांगरमऊ से बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े प्रकरण में पीड़िता के पिता की हत्या में सीबीआई के मुख्य गवाह की रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई थी। पुलिस और सीबीआई को सूचना दिए बिना ही परिजनों ने आनन-फानन में शव को दफना दिया। पीड़िता के चाचा ने इसकी साजिशन हत्या बताते हुए यूनुस के शव का पोस्टमॉर्टम कराने की मांग की थी। वहीं, इस मामले में राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि गवाह की मृत्यु संदिग्ध परिस्थिति में हुई है, उसका पोस्टमॉर्टम कराए बिना ही उसे दफन कर दिया गया।
शनिवार को पहुंचे थे शव निकाले
शनिवार को पुलिस और प्रशासिन अधिकारी यूनुस के शव को कब्र से निकाले के लिए माखी गांव पहुंचे थे। लेकिन गवाह यूनुस की पत्नी और भाई ने शव को निकाल से मना कर दिया। परिजनों का कहना है कि मुस्लिम धर्म में एक बार दफनाने के बाद उसे निकाला नहीं जाता। मौके पर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों ने परिजनों को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन परिजनों ने शव को दोबारा बाहर निकलवाने से साफ इंकार कर दिया। गांव में भारी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है।
बीमारी से हुई थी मौत
परिवार वाले की मानें तो यूनुस की मौत लंबी बीमारी के कारण हुई ह। मामले की जांच करने के लिए शुक्रवार शाम को सीओ सफीपुर विवेक रंजन माखी गांव पहुंचे थे। मृतक के भाई रसूल बक्श और जान मोहम्मद के बयान दर्ज करने के साथ गांव के अन्य लोगों से पूछताछ की। सीओ सफीपुर ने बताया कि जांच में पता चला कि गवाह की मौत लिवर की बीमारी से हुई है। यूसुफ का 2013 से इलाज चल रहा था। मृतक की पत्नी व भाइयों में से किसी ने शव निकलवाकर पोस्टमॉर्टम कराने की बात नहीं कही है।