यूपी: शहीद का दर्जा नहीं मिला, दुखी घरवालों ने जवान का शव लेने से किया इनकार
भदोही। यूपी के भदोही में एक अजीब मामला सामने आया है। जिले के गोपीगंड क्षेत्र के एक गांव में शहीद का दर्जा न दिए जाने पर घर वालों ने जवान का शव लेने से इनकार कर दिया। शनिवार को मना करने के बाद जवान का शव एंबुलेंस में ही रखा गया। मौके पर मौजूद एडीएम और सीओ के काफी समझाने के बाद भी जवान के घर वाले नहीं माने। दरअसल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में गुरूवार को सीएएफ जवान वकील बिंद का शव सड़क किनारे मिला। लेकिन, अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसकी नक्सलियों ने हत्या की या संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई।
वकील कुमार बिन्द 2014 में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल(सीएसएफ) में भर्ती हुए थे। जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार को वकील बाइक से बिना वर्दी के कहीं घूमने गए थे। काफी समय बाद जब वे नहीं लोटे तो साथियों ने उनकी तलाशी शुरू कर दी। मदनपुर गांव निवासी वकील बिंद का शव तीन दिन पहले छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सड़क के किनारे मिला था। दो दिनों तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि उसकी नक्सलियों ने हत्या की या दुर्घटना में मौत हुई। शनिवार शाम को एंबुलेंस से जवान का शव मदनपुर गांव पहुंचा।
जवान शव आने की खबर लगते ही आसपास के कई गांव के लोग वहां पहुंच गए। परिजनों का कहना है कि मृतक जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए। मृत जवान के परिजन और ग्रामीणों ने शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर शाम साढ़े सात बजे से धरना शुरू कर दिया इस घटना पर ज्ञानपुर विधायक समेत कई दलों के लोग भी मौके पर पहुंचे। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि दो दिन तक उनके घर कोई नहीं आया अब सभी लोग आ रहे हैं।
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