अबू सलेम के परिजन टाडा अदालत के फैसले के खिलाफ करेंगे अपील
इस पूरे मामले पर अबू सलेम के भतीजे और अबू के बड़े भाई अबू हाकिम उर्फ चुनचुन के बेटे मोहम्मद आरिफ ने मीडिया को जानकारी दी।
वाराणसी। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 24 वर्ष पूर्व हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में न्यायालय के फैसले से आजमगढ़ एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। न्यायालय ने सरायमीर निवासी अबू सलेम को उम्रकैद और शिवराजपुर के रियाज सिद्दीकी को दस वर्ष कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं इस मामले में एक आरोपी मंजूर अहमद को पुलिस ने 1993 में ही घटना के बाद गिरफ्तार तो किया था लेकिन कई वर्षों तक जेल में सजा काटने के बाद रिहा कर दिया गया था। फिलहाल मंजूर इस वक्त कहां है, इसकी किसी को जानकारी नहीं हैं। अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद अब परिजन पुर्तगाल से 2005 में हुए संधि के आधार पर उच्च न्यायालय में फैसले के खिलाफ अपील करने की तैयारी कर रहे हैं। इस पूरे मामले पर अबू सलेम के भतीजे और अबू के बड़े भाई अबू हाकिम उर्फ चुनचुन के बेटे मोहम्मद आरिफ ने मीडिया को जानकारी दी।
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अबू
ही
नहीं
दो
और
आरोपी
हैं
आजमगढ़
से
बता
दें
कि
मुंबई
में
12
मार्च
1993
को
हुए
सीरियल
बम
ब्लास्ट
में
257
लोगों
की
जान
चली
गई
थी
जबकि
713
लोग
जख्मी
हो
गए
थे।
माफिया
डान
दाऊद
इब्राहिम
के
इशारे
पर
हुई
इस
घटना
में
जनपद
के
सरायमीर
कस्बा
निवासी
अबू
सालिम
उर्फ
अबू
सलेम
तथा
गंभीरपुर
थाना
क्षेत्र
के
शिवराजपुर
ग्राम
निवासी
रियाज
सिद्दीकी
के
नाम
सामने
आया
था।
वहीं
तीसरा
आरोपी
सरायमीर
के
अबडीहा
गांव
का
रहना
वाला
मंजूर
अहमद
था।
इस
घटना
के
बाद
से
फरार
चल
रहे
अबू
सलेम
को
पुर्तगाल
से
प्रत्यर्पण
संधि
के
आधार
पर
देश
में
लाया
गया
जबकि
रियाज
सिद्दीकी
बम
ब्लास्ट
के
कुछ
ही
समय
बाद
गिरफ्तार
कर
लिया
गया
था।
वहीं
मंजूर
अहमद
भी
1993
के
धमाके
के
बाद
गिरफ्तार
था।
मंजूर
पर
आरोप
था
कि
उसने
उसने
बम
कांड
से
पहले
प्रतिबंधित
एके
-
47
सलेम
के
कहने
पर
अभिनेता
संजय
दत्त
तक
पहुंचाया
था।
इस
फैसले
के
बाद
सन्नाटा
इस
मामले
में
सुनवाई
के
बाद
16
जून
को
टाडा
की
विशेष
अदालत
ने
सलेम,
रियाज
सहित
छह
आरोपियों
को
दोषी
करार
दिया
था।
गुरूवार
को
अदालत
द्वारा
सभी
आरोपियों
को
सजा
सुनाई
गई।
इसमें
सलेम
को
आजीवन
कारावास
की
सजा
हुई
जबकि
रियाज
सिद्दीकी
को
दस
वर्ष
कारावास
की
सजा
सुनाई
गई।
सरायमीर
कस्बे
के
पठान
टोला
स्थित
अबू
सलेम
के
आवास
पर
ताला
लटका
रहा।
हलांकि
पहले
उनकी
मां
अजीब्बुन्निशा
और
भाई
अबू
हाकिम,
अबू
लैश
व
अबू
जैश
यहां
रहते
थे,
लेकिन
वर्ष
2007
में
उसकी
मां
गुजर
गई।
दोनों
भाई
भी
व्यवसाय
को
लेकर
बाहर
रहते
हैं।
घर
पर
सबसे
बड़ा
भाई
अबू
हाकिम
उर्फ
चुनचुन
सपरिवार
रहते
हैं।
टाडा
की
विशेष
अदालत
के
बाद
अबू
सलेम
के
सरायमीर
कस्बे
और
रियाज
सिद्दीकी
के
शिवराजपुरगांव
में
सन्नाटा
फ़ैल
गया
और
हर
कोई
सकते
में
हैं।
परिवार
के
लोग
इस
फैसले
के
खिलाफ
जायेगे
उच्च
न्यायलय
आजमगढ़
के
सरायमीर
कस्बे
में
होटल
का
व्यापार
करने
वाले
सलेम
के
भतीजे
मोहमद
आरिफ
ने
मीडिया
को
बताया
कि
भले
हम
लोगों
की
चचा
से
बात
ना
होती
हो,
रिश्ता
तो
है।
जब
2005
में
भारत
सरकार
ने
पुर्तगाल
से
सन्धि
की
तो
उसमें
फांसी
और
उम्रकैद
की
सजा
ना
दने
की
शर्त
बताई
थी।
ऐसे
में
अब
हम
लोग
उनके
वकील
से
मिलकर
टाडा
की
विशेष
अदालत
के
खिलाफ
जाकर
उच्च
न्यायलय
में
गुहार
लगाएंगे।
बढ़ा
दी
गयी
है
आजमगढ़
की
सुरक्षा
सुर्खियों
में
रहने
वाला
आजमगढ़
वैसे
भी
मिनी
सऊदी
अरब
के
नाम
से
जाना
जाता
हैं।
ऊपर
से
ये
फैसला
आने
के
बाद
आजमगढ़
पुलिस
अधिकारियों
ने
सरायमीर
के
साथ
साथ
पूरे
जिले
के
पुलिस
को
चौकन्ना
रहने
की
हिदायत
दी
है।
oneindia
से
बात
करते
हुए
एसपी
ग्रामीण
एनपी
सिंह
ने
बताया
कि
जैसे
ही
ये
फैसला
आया
है
अपने
पूरे
जिले
को
एलर्ट
कर
दिया
है।
सभी
थाना
प्रभारियों
को
खासकर
गश्त
करने
की
हिदायत
दी
गयी
हैं।
एलआईयू
और
तमाम
ख़ुफ़िया
एजेंसियां
इस
वक्त
चौकस
हैं।
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