40 फीट से नीचे गिरे, ना बच्चा चोटिल हुआ और ना ही घोड़े को आई खरोंच!
दरअसल 14 साल का नन्हे तांगे के साथ 40 फुट ऊंचे पुल से नीचे गिरा, लेकिन नन्हे को खरोंच तक नहीं आई और तो और घोड़ा भी सुरक्षित है। तांगे का एक बांस ही टूटा है। ये देख लोग आश्चर्यचकित हैं।
शाहजहांपुर। जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई...। ये लाइन इस बच्चे पर सटीक बैठती है क्योंकि ये बच्चा और ये घोड़ा दोनों एक ऐसे हादसे का शिकार हुए कि जिसमें जान बचना वाकई चमत्कार सरीखा है। चालिस फुट की ऊंचाई से नीचे गिरने के बाद भी ना तो इस बच्चे को चोट आई और ना ही घोड़े को एक भी खरोंच। ये देखकर मौके पर मौजूद लोग इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे हैं। लोगों की मदद से टांगा, बच्चे और घोड़े को पुल के ऊपर लाया गया।
दरअसल 14 साल का नन्हे तांगे के साथ 40 फुट ऊंचे पुल से नीचे गिरा, लेकिन नन्हे को खरोंच तक नहीं आई और तो और घोड़ा भी सुरक्षित है। तांगे का एक बांस ही टूटा है। शाहजहांपुर के निगोही के कस्बे में कैमुआ नाले पर अंग्रेजों के जमाने का एक पुल है। ये पुल बेहद संकरा है। जहां एक बार में एक ही वाहन आ-जा सकता है। सोमवार सुबह निगोही के इसी कैमुआ पुल से कस्बे के रामभजन का 14 वर्षीय बेटा नन्हे तांगे पर सामान लादकर संडा गांव जा रहा था।
तांगा जैसे ही कैमुआ पुल पर पहुंचा तो सामने से एक कार आ गई। अचानक आई कार को देखकर घोड़ा बिदक गया। वो पुल से नीचे तांगे और नन्हे के साथ जा गिरा। पुल जमीन से करीब 40 फुट ऊंचा है। तांगा, नन्हे और घोड़ा जब पुल से नीचे गिरे तो लोग शोर मचा उठे। सभी पुल के नीचे की ओर गए, तब तक नन्हे उठकर खड़ा हो गया। वो डर गया था तो पापा-पापा करके रोने लगा। लोगों ने उसे सांत्वना दी, घोड़ा भी सुरक्षित है। तांगे का एक बांस ही टूटा है।
चश्मदीदों के मुताबिक जब उन्होंने तांगे के साथ बच्चे को पुल के नीचे गिरते हुए देखा तो वो चिल्लाते हुए नीचे भागे। लेकिन वहां जाकर देखा तो किसी चमत्कार से कम नहीं था। बच्चे को खरोंच तक नहीं आई और घोड़ा भी सही सलामत था। बस तांगे का एक बांस टूट गया था लेकिन 40 फुट ऊंचे पुलिस से सीधे नीचे गिरना और बच जाना ये सिर्फ ऊपर वाला ही कर सकता है। फिलहाल बच्चे को चुप कराकर पुल के उपर लाया गया और साथ ही लोगों की मदद से उसका तांगा और घोड़ा को भी पुलिया के उपर ले आया गया।
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