यूपी में पकड़ी गई फर्जी पैथोलॉजी में आखिर होते थे कौन से काम? डॉक्टरों के थे कोर्ड वर्ड
शाहजहांपुर। यूपी के शाहजहांपुर में जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग ने फर्जी रूप से चल रही पैथोलॉजी लैब पर छापा मारकर सीज कर दिया हैं। छापेमारी के दौरान बड़े खुलासे हुए जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। छापेमारी में जिला सरकारी अस्पताल के दो डॉक्टरों के नाम भी सामने आये है, जिनके संरक्षण में लैब अस्पताल के सामने खुलेआम चल रही थी। फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग की टीम ने पैथोलॉजी लैब के रजिस्टर और सीसीटीवी कब्जे में लेकर जांच शूरू कर दी है।
दरअसल, मामला शाहजहांपुर चौक कोतवाली के जिला अस्पताल के सामने का है। जिला प्रशासन को जिला अस्पताल के ठीक सामने एक फर्जी पैथोलॉजी होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने नेशनल पैथोलॉजी नाम की दुकान पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान लैब संचालक दस्तावेज नहीं दिखा सका।
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल के डॉक्टर अनिल राज और डॉक्टर एमएल अग्रवाल मिलकर ये पैथोलॉजी चल रहे थे। यह भी बताया जा रहा है कि अस्पताल के डॉक्टर मरीजों की इसी पैथोलॉजी से प्राइवेट जांच करवाते थे और जांच में उन्हें गंभीर बीमारी दिखाकर महंगी दवाइयां लिखते थे। डॉक्टरों को खून की जांच और दवाइयों के एवज में मोटा कमीशन मिल रहा था। जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए पैथोलॉजी को सीज कर दिया है। साथ ही तमाम दस्तावेजों को भी जप्त कर लिया है।
डिप्टी सीएमओ नरेश पाल ने बताया कि सूचना मिली थी कि जांच के लिए खून तो निकाला जाता है, लेकिन जांच रिपोर्ट सिर्फ अंदाजे से बनाई जाती है। जांच रिपोर्ट और पैथोलॉजी से संबधित कागजात दिखा सके। वहीं रजिस्टर पर सरकारी डाक्टरों के नाम कोड वर्ड मे लिखे मिले है। जरूरी चीजे जब्त कर ली गई है। मामले की जांच पैथोलॉजी चलाने वाले लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।