जमीनी विवाद में ग्राम प्रधान पर चलाई गोलियां, बेटे को बचाने आई मां की मौत
प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच का ये विवाद चुनाव के बाद से चला आ रहा था। दो दिन पहले ही पुलिस ने मामला शांत कराकर दोनों पक्षों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की थी।
शाहजहांपुर। यूपी के शहजहांपुर में बेखौफ दबंगों ने प्रधान और उसकी मां को गोलियों से भून दिया। दबंगों की गोलियों से प्रधान की मां की मौके पर ही मौत हो गई जबकि प्रधान को गंभीर हालत में बरेली रेफर किया गया है। गोलीबाजी और हत्याकांड के पीछे जमीनी विवाद सामने आया है। घटना के बाद ग्रामीणों ने थाने में जमकर हंगामा किया और सड़क जाम कर दिया। फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
घटना शाहजहांपुर के मदनापुर थाना क्षेत्र की है। जहां महिला की लाश पर लोगों में गुस्सा है। दरअसल यहां के ढुकुरी गांव में प्रधान जितेंद्र और पूर्व प्रधान विजय के बीच जमीन के छोटे से टुकड़े को लेकर दो दिन पहले विवाद हो गया था। जिसमें पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनसीआर दर्ज की थी। लेकिन फिर से दो पक्ष आमने-सामने आ गए। विवाद इतना बढ़ गया कि विजय और विशेष सिंह अपने घर से राइफल निकाल लाए और आते ही प्रधान जितेंद्र सिंह और उसकी मां रामबेटी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दिया।
गोलियां लगने से प्रधान जितेंद्र सिंह की मां की मौके पर मौत हो गई जबकि जितेंद्र के सिर में दो गोलियां लगी। आनन-फानन में प्रधान जितेंद्र को बरेली के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद पुलिस की कार्रवाई से नाराज लोगों ने थाने के सामने जाम लगा दिया और थाने का घेराव कर लिया। परिजनों की माने तो अगर समय रहते आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई होती तो शायद ये हत्याकांड होने से बच जाती।
मृतक के परिजन कुशल पाल सिंह का कहना है कि उसके भाई जितेंद्र गांव के प्रधान हैं। वो अपने मां के साथ शिव मंदिर जा रहे थे। तभी गांव के पूर्व प्रधान विजय ने जमीनी विवाद में उसके भाई और मां पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दी जिसमे उसकी मां के तीन गोलियां लगने से मौके पर ही मौत हो गई जबकि भाई के सिर में दो गोलियां लगी है। जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हालत गंभीर होने के चलते उनको बरेली रेफर कर दिया है।
प्रधान और पूर्व प्रधान के बीच का ये विवाद चुनाव के बाद से चला आ रहा था। दो दिन पहले ही पुलिस ने मामला शांत कराकर दोनों पक्षों के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई की थी लेकिन वर्चस्व को लेकर हुए इस विवाद में अब पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में आ गई है। अगर वक्त रहते पुलिस ने मामले का निपटारा कर दिया होता तो शयद ये वारदात होने से बच जाती।