22 करोड़ के 'एक्सिस बैंक' घोटाले में 11 लोग भेजे गए जेल, यूनिवर्सिटी के 7 तो बैंक के 4 लोग शामिल
पहली बार मार्च 2017 में ये प्रकरण उन्नाव पर आया तो पता चला कि 22 करोड़ 37 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। जिसमें शुआट्स यूनिवर्सिटी और बैंक अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी की चार्जशीट में दोनों प्रतिकुलपति भी दोषी हैं। इनके विरुद्ध भी चार्जशीट दाखिल हुई है।
इलाहाबाद। इलाहाबाद एक्सिस बैंक घोटाले में आखिरकार एसआईटी ने अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। 22 करोड़ 37 लाख रुपए के इस घोटाले में 11 लोगों को जेल भेज दिया गया है लेकिन हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक के चलते शुआट्स यूनिवर्सिटी के दोनों प्रतिकुलपतियों के खिलाफ चार्जशीट होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। गौरतलब है कि घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने शुआट्स के 7 अधिकारियों और एक्सिस बैंक के 4 अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। एक्सिस बैंक की इलाहाबाद शाखा से शुआट्स यूनिवर्सिटी के अधिकारी और बैंक अधिकारियों ने मिली भगत से फर्जी तरीके से पैसे निकाले। ये चेक से बार-बार पैसे निकालते और डकार जाते। करोडों रुपए डकारने के बीच मामले की शिकायत हुई तो एक्सिस बैंक में नए मैनेजर योगेश बाजपेयी आए। इन्होंने सिविल लाइंस थाने में बैंक के पूर्व मैनेजर कमल एहसान और शुआट्स के एकाउंटेंट राजेश के खिलाफ करोड़ों का गबन करने का मामला दर्ज कराया।
क्या है मामला?
पहली बार मार्च 2017 में ये प्रकरण उन्नाव पर आया तो पता चला कि 22 करोड़ 37 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। जिसमें शुआट्स यूनिवर्सिटी और बैंक अधिकारी शामिल हैं। एसआईटी की चार्जशीट में दोनों प्रतिकुलपति भी दोषी हैं। इनके विरुद्ध भी चार्जशीट दाखिल हुई है।
हाईकोर्ट की सख्ती पर हुई कार्रवाई
इस मामले के हाई-प्रोफाइल मोड़ लेते ही पुलिस भी ठंडी पड़ गई। 3 महीने गुजर जाने के बाद फाइल बस्ते में चली गई। इस पर एक याचिका हाईकोर्ट में दाखिल हुई। हाईकोर्ट ने इस बाबत जमकर फटकार लगाई। तब एसएसपी ने एसपी क्राइम बृजेश मिश्र और सीओ कर्नलगंज आलोक मिश्र के नेतृत्व में एसआईटी का गठन कर जांच करने का आदेश दिया, फिर घोटाले के तार जुड़े। एक-एक कर 13 लोगों के नाम सामने आए। आश्चर्य की बात थी कि ये घोटाला किसी एक मैनेजर के कार्यकाल में नहीं बल्कि तीन बैंक मैनेजरों के समय में हुआ।
सभी की मिलीभगत से घोटाला आगे बढ़ता रहा। एसआईटी ने सबसे पहले नामजद आरोपी कमाल एहसान को गिरफ्तार कर जेल भेजा। फिर गिरफ्तारी का दायरा बढ़ा तो शुआट्स के प्रतिकुलपति हाईकोर्ट की शरण में गए और अपनी गिरफ्तारी पर रोक की मांग की। हाईकोर्ट ने इन दोनों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। एसआईटी ने ताबड़तोड़ दबिश जारी रखी। जिसमें शुआट्स यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार समेत 7 अधिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। कानून का शिकंजा एक्सिस बैंक की ओर बढ़ा तो 3 पूर्व मैनेजर भी गिरफ्तार कर लिए गए।
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