इस रक्षाबंधन दोपहर के बाद बंद हो जाएगे मंदिरो के कपाट, जाने क्यों
वाराणसी। रक्षाबंधन और श्रवण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन लगने वाले चंद्र ग्रहण के कारण आज एक तरफ जहां बहनो को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए कम समय मिल रहा हैं वही सावन मास में काशी आने वाले शिवभक्तों को भी जलाभिषेक के लिए काम समय ही मिल पाया हैं। यही वजह हैं कि वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर सहित तमाम शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए बीती रात से ही कांवड़ियों से लेकर श्रद्धालु कतारबद्ध होकर जल्दी जल्दी जलाभिषेक कर रहे हैं। क्योंकि रक्षा बंधन के दिन भद्रा लगी हैं इस कारण इस ग्रहण को खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा हैं। चूंकि चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता हैं इसी कारण आज काशी के मंदिरो के कपाट दोपहर 1.52 मिनट पर बंद हो जायेगे सिर्फ वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर ही एक ऐसा मंदिर है जो दोपहर करीब 4 बजे बंद किया जाएगा।
गंगा आरती का बी बदला समय
शिव की नगरी काशी में पुरे सावन मास भक्तो का जान सैलाब बाबा के जलाभिषेक के लिए आता हैं और आज श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा हैं ऐसे में भक्तो को सूतक 1. 52 के बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भग्रह में प्रवेश नहीं मिलेगा और ना ही भक्त बाबा को स्पर्श कर सकेंगे। आज मंदिर में बाबा के झूलनोत्सव मनाता जाना हैं ऐसे में आज शिव अपने पूरे परिवार के साथ भक्तो को दर्शन देंगे। ये बात अलग हैं कि आज के दिन भक्तों को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा। सिर्फ झांकी के दर्शन की ही व्यवस्था की गयी हैं। एक और अहम् बात ये है कि आज के दिन श्री काशी विशवनाथ मंदिर में महंत परिवार इस उत्सव को मनाता हैं। जिसके कारण आज के दिन मंदिर करीब 4 बजे बंद होगा। इसके आलावा दैनिक होने वाली गंगा आरती भी शाम को 7 बजे न होकर दोपहर के 12 बजे किया जायेगा।
क्या कहते हैं ग्रहण को लेकर काशी के ज्योतिषी
इस चन्द्र ग्रहण को लेकर ज्योतिषाचार्य एवं श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के सदस्य पंडित दीपक मालवीय ने oneindia से बात करते हुए बताया की आज ग्रहण के आलावा भद्रा भी जिस्सके रक्षा बंधन के लिए शुभ मुहूर्त 10.30 से लेकर 1. 51 तक हैं इसके बाद चंद्र ग्रहण लग जायेगा। इसके आलावा रात्रि को 10 बजकर 52 मिनट पर स्पर्श, रात्रि को ११ बज कर 51 मिनट पर मध्य और रात्रि 12 बजकर 49 मिनट पर मोक्ष यानि ग्रहण समाप्त हो जाएगा। ऐसे में ग्रहण काल के बाद गंगा स्नान कर मंदिर में भक्तो को दर्शन पूजन करना चाहिए।
किन राशियों पर होगा इस ग्रहण का असर
ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक मालवीय ने oneindia से बताया की क्योकि ये खंडग्रास चन्द्र ग्रहण श्रवण नक्षत्र और मकर राशि के चन्द्रमा की लग रहा हैं ऐसे में ये ग्रहण मकर राशि वालो के लिए शुभ कारक नहीं हैं इसके आलावा तुला, कुम्भ, और मिथुन राशि वालो के लिए ये शुभकारी हैं। मेष सिंह ,वृश्चिक,और मीन राशि वालो को ये ग्रहण शुभ फल करेगा तो वही वृषभ , कर्क, कन्या और धनु को ये सामान्य फल देगा।