कफील खान ने समर्थकों से मांगी आर्थिक मदद, बोले- चुनाव लड़ जिंदगी की कर रहा हूं नई शुरुआत
कफील खान ने समर्थकों से मांगी आर्थिक मदद, बोले- चुनाव लड़ जिंदगी की कर रहा हूं नई शुरुआत
गोरखपुर, 29 मार्च: समाजवादी पार्टी ने देवरिया-कुशीनगर सीट से एमएलसी चुनाव में डॉ. कफील खान को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह वहीं, कफील खान हैं..जिनका नाम 2017 में गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीन की कमी के चलते बच्चों की मौत के मामले उछला था। डॉ. कफील खान को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद उनके खिलाफ आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डॉ. कफील खान को बर्खास्त कर दिया था। एमएलसी का टिकट मिलने के बाद काफील खान ने अपने समर्थकों से अर्थिक मदद की अपील की है।
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डॉक्टर कफील खान ने अपना एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा कि वे अपनी जिंदगी की नई शुरुआत कर रहे हैं और मैं चुनाव लड़ रहे हूं। नौकरी से निकाला गया हूं। कुछ मदद की जरूरत है। इतना ही नहीं, कफील खान ने कुछ नंबर जारी भी किए हैं, जिन पर पैसे भेजकर उनकी मदद की जा सकती है। कफील खान ने लिखा, 'आप सब के साथ और दुआओं की जरूरत है।'
ज़िंदगी की एक नयी शुरुआत की है चुनाव लड़ रहा 🙏
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) March 29, 2022
नौकरी से निकाला गया हूँ कुछ मदद की ज़रूरत है
Paytm/GooglePay /PayPal no 👇
[Danish ) Google pay no 8953398023
+91 88600 50340 ( Sajid )
ये लोग मेरे साथ रहते हैं 🙏
आप सब के साथ और दुआओं की ज़रूरत है 🤲 pic.twitter.com/wXdOfPPbv0
आपको बता दें कि कुछ समय पहले कफील खान ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। मुलाकात की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर साझा की गई थी। तो वहीं अब उन्हें देवरिया-कुशीनगर सीट समाजवादी पार्टी ने एमएलसी का टिकट दिया है। इस बात की पुष्टि सपा के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पुष्टि की है। साथ ही कहा है कि खान पार्टी के उम्मीदवार होंगे।
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एमएलसी
के
लिए
09
अप्रैल
को
होगा
चुनाव
आपको
बता
दें
कि
विधान
परिषद
में
स्थानीय
निकाय
कोटे
के
36
सदस्यों
का
कार्यकाल
खत्म
हो
चुका
है।
इसके
साथ
ही
सदन
की
गणित
बदल
गई
है।
इस
समय
परिषद
में
भाजपा
के
35,
सपा
के
17,
बसपा
के
4,
अपना
दल
(सोनेलाल),
निषाद
पार्टी
और
कांग्रेस
के
एक-एक
सदस्य
हैं।
9
अप्रैल
को
हो
रहे
चुनाव
के
नतीजे
विधान
परिषद
में
बहुमत
की
तस्वीर
तय
कर
देंगे।
आम
तौर
पर
जिसकी
सत्ता
होती
है
उस
पार्टी
के
उम्मीदवारों
की
जीत
की
संभावना
बढ़
जाती
है।