14 साल के बेटे ने दी मुन्ना बजरंगी को मुखाग्नि, वाराणसी में हुआ अंतिम संस्कार
जौनपुर। पूर्वांचल के कुख्यात डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या का बाद मंगलवार को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर मुन्ना बजरंगी के 14 वर्षीय बेटे समीर सिंह ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मणिकर्णिका घाट पर 'मुन्ना बजरंगी अमर रहे' के नारे भी गूंजे। माफिया डॉन के अंतिम संस्कार में घाट पर उमड़े हुजूम को देखते हुए भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। इससे पहले मुन्ना बजरंगी का शव मंगलवार सुबह उसके पैतृक गांव जौनपुर जिले के सुरेरी थाना क्षेत्र के पुरे दयाल पहुंचा।
जौनपुर सीमा में प्रवेश करने के दौरान कई गाड़ियों का काफिला शव वाहन के साथ चल रहा था। शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया। बता दें कि मुन्ना बजरंगी के घर के बहार लोगों की भारी भीड़ सुबह से जमा थी। कहीं शोक तो कहीं गुस्से का माहौल दिखा। शव के गांव में पहुंचने से पहले ही कुख्यात डॉन मुन्ना बजरंगी का आवास पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। मड़ियाहूं से लेकर सुरेरी और कसेरू गांव तक जगह-जगह फोर्स तैनात थी।
लगाई
थी
सुरक्षा
की
गुहार
झांसी
की
जेल
में
बंद
माफिया
डॉन
प्रेम
प्रकाश
उर्फ
मुन्ना
बजरंगी
ने
कोर्ट
में
अर्जी
देकर
सुरक्षा
की
गुहार
लगाई
थी।
मुन्ना
बजरंगी
को
आशंका
थी
कि
पेशी
के
दौरान
उसका
एनकांउटर
हो
सकता
है।
मुन्ना
बजरंगी
की
पत्नी
ने
भी
कुछ
दिनों
पहले
ऐसी
आशंका
जताई
थी
और
कहा
था
कि
उनके
पति
को
फर्जी
मुठभेड़
में
मारा
जा
सकता
है।
पूर्वांचल
का
कुख्यात
माफिया
था
बजरंगी
मुन्ना
अपराध
को
इसी
दौरान
जौनपुर
के
स्थानीय
दबंग
माफिया
गजराज
सिंह
का
संरक्षण
हासिल
हो
गया
और
उसके
बाद
मुन्ना
गजराज
सिंह
के
लिए
काम
करने
लगा।
साल
1984
में
मुन्ना
ने
लूट
के
लिए
एक
व्यापारी
की
हत्या
कर
दी
थी।
उसके
मुंह
खून
लग
चुका
था
और
इसके
बाद
उसने
गजराज
के
इशारे
पर
जौनपुर
के
भाजपा
नेता
रामचंद्र
सिंह
की
हत्या
कर
पूर्वांचल
में
सनसनी
फैला
दी
थी।
इसके
बाद
से
उसने
कभी
पीछे
मुड़कर
नहीं
देखा
और
जुर्म
की
दुनिया
का
बड़ा
नाम
बन
गया।